दरभंगा: एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम के जरिए देश को साफ-सुथरा बनाने की मुहिम चला रखी है, वहीं बिहार के दरभंगा के बेनीपुर प्रखंड के शिक्षक को इस मुहिम के विपरीत कार्य करना महंगा पड़ गया। शिक्षक को एक सरकारी कार्यालय परिसर में सार्वजनिक रूप से पेशाब करना तब महंगा पड़ गया, जब प्रखंड विकास पदाधिकारी ने इस मामले को लेकर उनसे जवाब मांगा।
वैसे, बेनीपुर प्रखंड कार्यालय ने ऐसा नहीं है कि केवल एक मात्र शिक्षक को ही इस मामले में नोटिस जारी किया है, बल्कि कई आम लोग भी हैं, जिन्हें स्वच्छता के प्रतिकूल सार्वजनिक स्थान पर मूत्र त्याग करने के कारण नेटिस थमाया गया है।
प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय, पौड़ी के शिक्षक सज्जन पासवान 13 जनवरी को बेनीपुर अनुमंडल कार्यालय आए थे। इसी दौरान वे परिसर में ही एक किनारे जाकर पेशाब करने लगे। वहीं प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और बेनीपुर के अनुमंडल पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा की नजर उन पर पड़ गई।
अधिकारी ने पहले उन पर सरकारी जमीन पर पेशाब करने के लिए 200 रुपये का जुर्माना लगाया और बाद में उन्हें एक नोटिस जारी कर सार्वजिनक स्थल पर पेशाब करने के मामले में स्पष्टीकरण मांगा।
नोटिस में शिक्षक ने कहा, "वह अनुमंडल कार्यालय जैसे सार्वजनिक स्थल पर पेशाब करते हुए पाए गए और यह सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के प्रतिकूल है। ऐसे में सार्वजनिक स्थल पर खुले में पेशाब करने के लिए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही क्यों न की जाए?"
मीणा ने बताया कि शिक्षक के अलावा भी करीब सात-आठ लोगों को ऐसे मामले में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता से कई समस्याओं को हल किया गया जा सकता है। उन्होंने लोगों से स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में योगदान करने की अपील की है।