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कार्ति के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत, बेटे के केस में फंसेंगे पी चिदंबरम?

इन्द्राणी ने साफ-साफ कहा था कि उन्होंने अपनी कंपनी के लिए FIPB क्लीयेरेंश लेने के लिए कार्ति चिदंबरम की मदद ली और इसके एवज में कार्ति को पैसा दिया। इन्द्राणी के बयान के बाद जब CBI ने जांच की तो जो दस्तावेज बरामद हुए उनसे पैसे लेने की बात के सबूत भी म

Written by: India TV News Desk
Published on: February 28, 2018 21:51 IST
Karti chidambaram- India TV Hindi
Image Source : PTI Karti chidambaram

नई दिल्ली: INX मीडिया द्वारा कार्ति चिदंबरम को रिश्वत दिए जाने के केस में आज सीबीआई ने पी चिंदबरम का नाम लिया है। CBI ने कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किए उनमें यह साफ-साफ कहा गया है कि पीटर मुखर्जी और इन्द्राणी मुखर्जी पी चिंदबरम से उनके नॉर्थ ब्लॉक ऑफिस में मिले जहां FIPB क्लीयरेंश के बदले चिंदबरम ने उऩसे कार्ति के बिजनेस में मदद करने के लिए कहा। दरअसल इस मामले की शुरूआत कार्ति चिंदबरम की गिरफ्तरी से हुई। कार्ति जैसे ही लंदन से वापस आए चैन्नई एयरपोर्ट पर CBI ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जबकि पी चिंदबरम फिलहाल लंदन में ही हैं।

कार्ति को चेन्नई से सीधा दिल्ली लाया गया जहां कोर्ट में उनकी पेशी हुई। कोर्ट ने कार्ति को एक दिन की CBI कस्टडी में भेज दिया। सीबीआई ने कोर्ट में इन्द्राणी मुखर्जी के बयान को आधार बनाया है जो इन्द्राणी ने सेक्शन 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाया था। इस बयान में इन्द्राणी ने साफ-साफ कहा था कि उन्होंने अपनी कंपनी के लिए FIPB क्लीयेरेंश लेने के लिए कार्ति चिदंबरम की मदद ली और इसके एवज में कार्ति को पैसा दिया। इन्द्राणी के बयान के बाद जब CBI ने जांच की तो जो दस्तावेज बरामद हुए उनसे पैसे लेने की बात के सबूत भी मिल गए।

CBI ने पिछले साल ही कार्ति के खिलाफ भ्रष्ठाचार का केस दर्ज किया था। यह केस इंद्राणी और पीटर मुखर्जी की कंपनी INX MEDIA से जुड़ा था। INX MEDIA को 2007 में विदेश से फंड पाने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से क्लियरेंस चाहिए था, उन दिनों पी चिदंबरम फाइनांस मिनिस्टर थे। सीबीआई का कहना है कि INX MEDIA को 305 करोड़ का विदेशी फंड मिला था, जिसके क्लीयरेंस के लिए पी चिदंबरम में हरी झंडी दी थी, और इसके एवज में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को घूस दी गयी थी।

सीबीआई का ये भी कहना है कि INX MEDIA ने टैक्स की चोरी के मामले में चल रही जांच को रुकवाने के लिए भी कार्ति चिदंबरम को घूस दिया था। इनके खिलाफ एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ने भी मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया था। सीबीआई ने कार्ति और पी चिदंबरम के घर पर कई बार रेड भी की थी। उसके बाद सीबीआई और ईडी ने कार्ति से कई बार पूछताछ की लेकिन उन्होंने कोऑपरेट नहीं किया। इसके बाद कार्ति चिदंबरम के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। कार्ति की गिरफ्तारी से सुब्रह्मण्यम स्वामी खुश है, स्वामी ने कहा कि कार्ति की गिरफ्तारी जरूरी थी। यह मामला 2007-2008 का है और पिछले साल मई में केस दर्ज हुआ। 

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