नई दिल्ली: राम रहीम ने अदालत में पेश होने से पहले ही एक खौफनाक साजिश रची थी। उसने सजा सुनाए जाने के बाद अपने सिक्युरिटी कमाडोंज की मदद से भागने का प्लान बनाया था। उसने वहां मौजूद हजारों समर्थकों की भीड़ कर फायदा उठा कर गायब होने की योजना बनाई थी। इसी साजिश की वजह से पंचकूला और सिरसा में 38 लोगों की मौत हुई। राम रहीम पूरी प्लानिंग के साथ पंचकुला की कोर्ट में पहुंचा था। उसने अपने बॉडीगार्ड्स को पहले ही बता दिया था कि जैसे ही कोर्ट का फैसला आएगा तो उन्हें क्या करना है। .कैसे सपोर्टर्स को भड़काना है और उसे कैसे पुलिस के चंगुल से निकाल कर भागना है। कोर्ट से गुनहगार साबित होने के बाद गुरमीत राम रहीम जेल जाने के बजाए कोर्ट से फरार होना चाहता था।
बड़ी बात ये है कि राम रहीम को भगाने की प्लानिंग में उसकी सिक्युरिटी में तैनात हरियाणा पुलिस के कुछ कमांडोज भी शामिल थे। साजिश को अंजाम देने के लिए गाडियों का इंतजाम था। गाड़ियों में खतरनाक हथियार छुपाए गए थे। राम रहीम ने भी तय कर रखा था कि वो कैसे इशारा देगा। उसने कोड वर्ड में मैसेज दिया। उसके कमांडोज एक्टिव भी हुए पुलिस के चंगुल से बलात्कारी बाबा को छुड़ाने की कोशिश भी हुई। लेकिन पुलिस अफसरों की मुस्तैदी से गुरमीत सिंह राम रहीम का प्लान कामयाब नहीं हो पाया।
इंडियन रिजर्व बटालियन के आईजी के के राव के साथ गुड़गांव के डीसीपी सुमित कुमार पंचकुला कोर्ट में मौजूद थे। इन दोनों अफसरों पर राम रहीम को रोहतक जेल तक ले जाने का जिम्मा था। लेकिन ये इतना आसान नहीं था। आईजी ने बताया कि जैसे ही राम रहीम ने अपने फॉलोअर्स को हिंसा का मैसेज भिजवाया पंचकुला में हालात खराब हो गए। अफसर समझ चुके थे कि बाबा ने चाल चली है। पुलिस वक्त बर्बाद नहीं करना चाहती थी। लेकिन राम रहीम जानबूझकर कोर्ट प्रेमाइसेस में टाइम वेस्ट कर रहा था। वो ज्यादा से ज्यादा देर तक कोर्ट में रहना चाहता था। जिससे हालात और खराब हों और वो मौके का फायदा उठा सके।
देखें वीडियो