नई दिल्ली: पुलवामा हमले पर एक बड़ा खुलासा हुआ है। पुलवामा हमले से पहले पीओके में जैश और हिज्बुल के आतंकियों की मीटिंग हुई थी। यूनाइटेड जिहाद काउंसिल की इस बैठक में हिज्बुल मुजाहिदीन का चीफ सैय्यद सलाउद्दीन और मसूद अजहर भी शामिल था। 25 से 27 दिसंबर तक सलाउद्दीन ने एलओसी पर सरदारी लॉन्च पैड पर ये बैठकें की थीं।
जैश-लश्कर और हिज्बुल के 20 आतंकियों ने एक साथ बैठकर कश्मीर में हमले की रणनीति तैयार की। पाकिस्तानी आर्मी का मेजर मीर कासिम भी आतंकियों की इस बैठक में शामिल था। इस मीटिंग के बाद सलाउद्दीन पाकिस्तान आर्मी के इंफैंट्री ब्रिगेड में जाकर ब्रिगेडियर से मिला। सलाउद्दीन ने जनवरी में जैश के मौलाना दानिश और लश्कर के अब्दुल्ला बलूच के साथ बैठकर बड़े हमले की प्लानिंग की थी।
वहीं पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने भी कुछ दिन पहले कैमरे पर कुछ ऐसा बोल गए जिसे सुनने के बाद किसी सबूत की जरूरत नहीं रह जाती। कमर जावेद बाजवा ने बोला कि सोसाइटी में खिलाफत की अब कोई जगह नहीं है, हम जेहाद के नाम पर बहुत बड़े तबके को कट्टर बना चुके हैं।
बाजवा ने कहा, ‘’सोसाइटी में खिलाफत की अब कोई जगह नहीं है, हम जेहाद के नाम पर बहुत बड़े तबके को कट्टर बना चुके हैं। हमने इन्हें हथियार और सियासी ताकत देकर मजबूत किया है और अब इन्हें सिर्फ इसलिए नहीं छोड़ सकते क्योंकि हम उनमें से कुछ को पसंद नहीं करते हैं। याद रहे हमने 40 साल पहले जो बोया था, वही फसल अब हम काट रहे हैं।‘’
गौरतलब है कि बारामूला से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित पुलवामा में 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) टीम पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। जवानों पर ऐसा हमला किया गया था कि उन्हें बचने का मौका तक नहीं मिला। 200 किलो विस्फोटक के फटने के बाद कोई 10 किलोमीटर तक का इलाका गूंज उठा था।
गुरुवार 14 फरवरी दोपहर बाद 3:30 बजे का वक्त हो रहा था और श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षाबलों की 78 गाड़ियों का काफिला गुजर रहा था। काफिले में ढाई हजार से ज्यादा जवान सवार थे लेकिन जैसे ही पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में काफिला पहुंचा आतंकियों ने विस्फोटक से भरी गाड़ी से काफिले की एक गाड़ी हमला कर दिया। पीएम ने कहा है बलिदान बेकार नहीं जाएगा, भारत की संप्रभुता को आंख दिखाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।