नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जीएसटी पर आज अहम फैसला लेते हुए छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। आज दिनभर जीएसटी काउंसिल की चली बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसका ऐलान किया। एक्सपोर्टर्स के रिफंड के लिए ई-वॉलेट की व्यवस्था की जाएगी। यह व्यवस्था 1 अप्रैल 2018 से लागू होगी। वहीं डेढ़ करोड़ तक का कारोबार करनेवाले व्यापारियों को अब तीन महीने में रिटर्न भरना होगा। कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाकर 75 लाख से एक करोड़ कर दिया गया है। कटे हुए आम सस्ते होंगे, खाखड़ा सस्ता होगा, नमकीन सस्ती होगी, आयुर्वेदिक दवाएं सस्ती होंगी। वित्त मंत्री जेटली ने बताया कि 27 वस्तुओं पर से जीएसटी की दर कम कर दी गई है।
अरुण जेटली लाइव-कटे हुए आम सस्ते होंगे, खाखड़ा सस्ता होगा, नमकीन सस्ती होगी, आयुर्वेदिक दवाएं सस्ती होंगी। डीजल इंजन, पंप के पार्ट्स पर जीएसटी 28 से घटाकर 18 फीसदी किया गया, मैन मेड यार्न 18 से 12 फीसदी किया गया। सर्विसेज सेक्टर में जॉब वर्क पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 फीसदी किया गया, जड़ी का जॉब करनेवाले, प्रिंटिंग पर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया। सरकारी ठेके. हाई इलेमेंट ऑफ लेबर (सिंचाई) वालों को 18 से घटाकर 5 किया गया जबकि बाकी में 18 से घटाकर 12 फीसदी किया गया
अरुण जेटली लाइव-पैमेंट पैटर्न को लेकर कुछ अहम फैसले लिए गए हैं... कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाकर 75 लाख से एक करोड़ कर दिया गया है। एक करोड़ तक के टर्नओवर तक ट्रेडिंग करनेवाले 1 फीसदी टैक्स देंगे.. मैन्यूफैक्चरिंग वाले कारोबारी 2 फीसदी टैक्स देंगे जबकि रेस्टोरेंट का कारोबार करनेवाले 5 फीसदी टैक्स देंगे। कंपोजिशन स्कीम में तीन महीने में रिटर्न भरना होता है.. जिनकी डेढ़ करोड़ तक टर्न ओवर है जिसमें 95 फीसदी कारोबारी शामिल हो जाएंगे इन लोगों को मंथली रिटर्न के स्थान पर तीन महीने में रिटर्न दाखिल करेंगे। रेस्टोरेंट बिजनेस के टैक्स सिस्टम की समीक्षा करने की जरूरत है.. जीओएम इसकी स्टडी करेगा। अप्रैल 2018 तक E-WAY बिल लागू करेंगे। ये भी पढ़ें: GST Council Live: सरकार ने दिया दिवाली गिफ्ट, नमकीन, कपड़े, स्टेशनरी, इंजन हुए सस्ते, कारोबारियों को रिटर्न भरने में राहत
अरुण जेटली लाइव- तीन महीने पूरे हुए.. पहले दो महीने जुलाई अगस्त की रिटर्न फाइल हुई है.. अलग-अलग ट्रेड पर क्या असर है और इस फेज में किस पर क्या-क्या असर आए हैं इस पर चर्चा करने का अवसर था। कई राज्यों ने भी इस संबंध में अवगत कराया था। प्रमुख विषय था.. स्माल स्केल सेक्टर था और दूसरा था एक्सपोर्ट का.. इसके साथ-साथ कई ऐसे सर्विसेज था जिसके रेट्स को लेकर भी बताया गया था। इसके साथ-साथ जो कलेक्शन थे उसको भी एनालाइज करना था।
अरुण जेटली वीडियो
अरुण जेटली लाइव-एक्सपोर्टर्स का क्रेडिट काफी ब्लाकेज हुआ है.. जिससे कैश लिक्विडिटी पर असर पड़ता है... तुरंत रिफंड की व्यवस्था इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बन रही है.. उसमें समय लग रहा है... इसलिए 10 अक्टूबर से जुलाई के महीने का और 18 अक्टूबर से अगस्त महीने का रिफंड प्रॉसेस करके एक्सपोर्टर्स को रिफंड के चेक दिए जाएंगे।
ई वॉलेट -एक ई वॉलेट हर एक्सपोर्टर्स का बनेगा जिसमें एक नोशनल अमाउंट एडवांस रिफंड की दृष्टि से दिया जाएगा.. इस क्रेडिट की माध्यम से उसके उत्पाद का जो जीएसटी देना है वो लोग देंगे। यह प्रयास किया जाएगा कि 1 अप्रैल 2018 से यह व्यवस्था लागू हो जाए।
मोदी सरकार देश को दिवाली पर बड़ा गिफ्ट देते हुए जीएसटी की दरों में बदलाव करने का फैसला ले लिया है। बदलाव का यह फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया है। यह बैठक नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई है। सरकार ने छोटे व्यापारियों को हर महीने रिटर्न भरने की छूट दी है। डेढ़ करोड़ तक का कारोबार करनेवाले व्यापारी अब हर तीन महीने में रिटर्न भर सकेंगे। वहीं सरकार ने ज्वैलर्स को बड़ी राहत देते हुए 2 लाख तक की खरीददारी पर PAN की छूट दी है। पहले 50 हजार से ऊपर की खरीददारी पर PAN जरूरी था। कालेधन पर बनाए गए नए नियमों के मुताबिक सरकार ने यह फैसला लिया था जिसपर अब ज्वैलर्स को यह छूट दी गई है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए जानेवाले फैसलों से कारोबारियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी। ये भी पढ़ें:सरकार ने दिया दिवाली गिफ्ट, 1.5 करोड़ टर्नओवर वाले कारोबारी अब मासिक नहीं तिमाही रिटर्न करेंगे फाइल
जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले आज पीएम मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच बैठक हुई। इस बैठक में इकोनॉमी में आई सुस्ती को दूर करने के लिए तात्कालिक उपायों और जीएसटी की विसंगतियों को दूर करने पर चर्चा हुई जिसके बाद अब सबकी नजरें जीएसटी काउंसिल की बैठक पर टिक गई है। ये भी पढ़ें: अब 50 हजार से ज्यादा की खरीद पर पैन जरूरी नहीं, सरकार ने ज्वैलर्स को PMLA कानून से दी बड़ी राहत
जीएसटी को लागू हुए तीन महीने बीत चुके हैं और इस दौरान सरकार को भी इस बात का अहसास हुआ कि जीएसटी की विसंगतियों को दूर किया जाना जरूरी है। हालांकि प्रधानमंत्री इससे पहले चार्टड अकाउंटेंट्स की एक सभा में अपने संबोधन में इस बात का जिक्र कर चुके हैं जीएसटी में जो भी विसंगतियां सामने आ रही हैं सरकार उसे दूर करने का प्रयास कर रही है। पीएम ने कहा था कि हम इसकी समीक्षा करते हुए इसमें बदलाव भी करेंगे। जहां जो भी कमियां है उसे दूर करने की कोशिश की जाएगी। ये भी पढ़ें : BLOG: पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाना चाहिए
GST व्यवस्था सरल हुई: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रात कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों के बाद माल एवं सेवा कर व्यवस्था और सरल हो गयी है। उन्होंने कहा कि यह नागरिकों के हितों की रक्षा और देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिये सरकार के निरंतर प्रयासों के अनुरूप है। उन्होंने व्यापक रूप से प्रतिक्रिया के लिये विभिन्न पक्षों को जोड़ने को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी टीम को बधाई दी और कहा कि इसी वजह से आज ये सिफारिशें आयी हैं।
जीएसटी (GST) काउंसिल मीटिंग लाइव अपडेट
- 1 करोड़ तक का कारोबार करनेवाले कारोबारी को बड़ी राहत
- थ्रेसहोल्ड लिमिट एक करोड़ करने पर
- 28 फीसदी जीएसटी की दर में कमी की जा सकती है
- 60 से ज्यादा चीजों के दाम में कटौती संभव
- छोटे व्यापारियों को हर महीने रिटर्न भरने की छूट
- डेढ़ करोड़ तक टर्न ओवर पर तीसरे महीने रिटर्न भरना होगा
- 2 लाख तक की खरीद पर PAN नहीं देना होगा
- ज्वैलरी कारोबारियों के लिए बड़ी राहत
- सोने की खरीद पर KYC नियमों में छूट
- रत्न-गहनों पर जीएसटी की अधिसूचना वापस ली