Friday, November 22, 2024
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पंजाब में उग्रवाद को ‘‘पुनर्जीवित’’ करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं: सेना प्रमुख बिपिन रावत

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि पंजाब में "उग्रवाद को पुनर्जीवित करने" के लिए "बाहरी संबंधों" के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं और यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो बहुत देर हो जायेगी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 03, 2018 19:13 IST
Bid to revive insurgency in Punjab through ‘external linkages’: Army chief Bipin Rawat- India TV Hindi
Bid to revive insurgency in Punjab through ‘external linkages’: Army chief Bipin Rawat

नयी दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि पंजाब में "उग्रवाद को पुनर्जीवित करने" के लिए "बाहरी संबंधों" के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं और यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो बहुत देर हो जायेगी। वह ‘‘भारत में आंतरिक सुरक्षा की बदलती रूपरेखा: रुझान और प्रतिक्रियाएं’’ विषय पर यहां आयोजित एक सेमिनार में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, रक्षा विशेषज्ञों, सरकार के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस को संबोधित कर रहे थे। 

जनरल रावत ने कहा कि असम में विद्रोह को पुनर्जीवित करने के लिए "बाहरी संबंधों" और "बाहरी उकसाव" के माध्यम से फिर से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘पंजाब शांतिपूर्ण रहा है लेकिन इन बाहरी संबंधों के कारण राज्य में उग्रवाद को फिर से पैदा करने के प्रयास किये जा रहे है।’’ उन्होंने कहा,‘‘हमें बहुत सावधान रहना होगा।’’उन्होंने कहा,‘‘हमें नहीं लगता कि पंजाब की (स्थिति) समाप्त हो गई है। पंजाब में जो कुछ हो रहा है, हम अपनी आंखें बंद नहीं कर सकते हैं और, अगर हम अब जल्द कार्रवाई नहीं करते हैं, तो बहुत देर हो जायेगी।’’

पंजाब ने 1980 के दशक में खालिस्तान समर्थक आंदोलन के दौरान उग्रवाद का एक बहुत बुरा दौर देखा था जिस पर अंतत: सरकार ने काबू पा लिया था। पैनल चर्चा में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने भी इस मुद्दे को रेखांकित किया और कहा कि पंजाब में ‘‘उग्रवाद को पुनर्जीवित किये जाने के प्रयास किये जा रहे है।’’ उन्होंने ‘जनमत संग्रह 2020’ के उद्देश्य से हाल में ब्रिटेन में आयोजित हुई खालिस्तान समर्थक रैली का जिक्र किया। गत 12 अगस्त को लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर पर हुई खालिस्तान समर्थक रैली में सैंकड़ों की संख्या में लोग जुटे थे। जनरल रावत ने कहा,‘‘आतंरिक सुरक्षा देश की बड़ी समस्याओं में से एक है, लेकिन सवाल यह है कि ‘‘हम समाधान क्यों नहीं ढूंढ पाए हैं, क्योंकि इसमें बाहरी संबंध हैं।’’

 
इस कार्यक्रम का आयोजन रक्षा थिंक टैंक ‘सेंटर फार लैंड एंड वारफेयर स्टडीज’ ने किया था। रावत इसके संरक्षक है। सेना प्रमुख ने कहा कि उग्रवाद को सैन्य बल से नहीं निपटाया जा सकता है और इसके लिए एक ऐसा दृष्टिकोण अपनाना होगा जिसमें सभी एजेंसियां, सरकार, नागरिक प्रशासन, सेना और पुलिस ‘‘एकीकृत तरीके’’ से काम करें। जनरल रावत ने कहा कि जहां तक असम का सवाल है, राज्य में उग्रवाद को पुनर्जीवित करने के लिए ‘‘बाहरी संबंधों’’ के जरिये प्रयास फिर से किये जा रहे हैं।

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