Friday, November 22, 2024
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भीमा-कोरेगांव केस: पांचों आरोपियों को नजरबंद रखने का आदेश, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- असहमति लोकतंत्र का ‘सेफ्टी वाल्व’

सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के सिलसिले में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक घर में नजरबंद रखने का आज आदेश दिया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 29, 2018 20:20 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Supreme Court

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के सिलसिले में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक घर में नजरबंद रखने का आज आदेश दिया। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि असहमति लोकतंत्र का ‘‘सेफ्टी वाल्व’’ है। शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद इन पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल नहीं भेजा जायेगा परंतु वे पुलिस की निगरानी में घरों में ही बंद रहेंगे। 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने भीमा-कोरेगांव घटना के करीब नौ महीने बाद इन व्यक्तियों को गिरफ्तार करने पर महाराष्ट्र पुलिस से सवाल भी किये। पीठ ने कहा, ‘‘असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व है और यदि आप इन सेफ्टी वाल्व की इजाजत नहीं देंगे तो यह फट जायेगा।’’ शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही इन गिरफ्तारियों के खिलाफ इतिहासकार रोमिला थापर और अन्य की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और राज्य पुलिस को नोटिस जारी किये। याचिकाकर्ताओं में प्रभात पटनायक और देविका जैन भी शामिल हैं। 

महाराष्ट्र सरकार के वकील ने इस याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाते हुये कहा कि मामले से सरोकार नहीं रखने वाले, उन कार्यकर्ताओं के लिये राहत नहीं मांग सकते जो पहले ही उच्च न्यायालयों में याचिका दायर कर चुके हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने कल देशव्यापी कार्रवाई करके हैदराबाद से तेलुगू कवि वरवर राव को गिरफ्तार किया था जबकि वेरनान गोंसाल्विज और अरूण फरेरा को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह पुलिस ने ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को हरियाणा के फरीदाबाद और सिविल लिबर्टी कार्यकर्ता गौतम नवलखा को नयी दिल्ली से गिरफ्तार किया था। 

महाराष्ट्र पुलिस ने इन सभी को पिछले साल 31 दिसंबर को आयोजित एल्गार परिषद कार्यक्रम के बाद पुणे के पास कोरेगांव-भीमा गांव में भड़की हिंसा के मामले में दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। 

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