नई दिल्ली: देर रात दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके से भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। चंद्रशेखर पर लोगों को उकसाने का आरोप है। शुक्रवार की दोहपर जुमे की नमाज पढ़ने के बाद जो प्रदर्शन हो रहा था उसमें अचानक ही चंद्रशेखर नजर आए थे। चंद्रशेखर भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और अपनी हाथों में संविधान की किताब दिखा कर भीड़ को उकसा रहे थे। चंद्रशेखर को गिरफ्तार करने गई दिल्ली पुलिस ने तमाम विरोध के बाद भी चंद्रशेखर को जामा मस्जिद के इलाके से धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद चंद्रशेखर को मेडिकल चेक अप के लिए ले जाया गया।
शुक्रवार की नमाज खत्म होने के तुरंत बाद चंद्रशेखर शहर के मध्य में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद परिसर पहुंचे थे। सफेद शर्ट पहने चंद्रशेखर 15 मिनट तक जामा मस्जिद में रहे और फिर उन्होंने मंडी हाउस की ओर मार्च का नेतृत्व किया, जिसके बाद हजारों समर्थक भी उनके साथ शामिल हो गए। जब उन्होंने अपना मार्च शुरू किया तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की, क्योंकि इलाके में धारा 144 लगा दी गई थी।
चंद्रशेखर ने हालांकि पुलिस को चकमा दिया और फिर अचानक भीड़ में गायब हो गए। जल्द ही यह अफवाहें फैल गई कि चंद्रशेखर को पुलिस ने हिरासत में लिया है, लेकिन वह भारी भीड़ का फायदा उठाते हुए पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहेा।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम. एस. रंधावा से जब पूछा गया कि क्या भीम आर्मी प्रमुख को पुलिस ने हिरासत में लिया और क्या वह उन्हें चकमा देने में कामयाब रहे? इस पर उन्होंने कहा, "हमने उन्हें हिरासत में नहीं लिया। इसलिए पुलिस से बचने का कोई सवाल ही नहीं है।"
इससे पहले दिन में कथित तौर पर यह कहा गया था कि गुरुवार रात राजस्थान से राष्ट्रीय राजधानी में आए चंद्रशेखर को दिल्ली पुलिस ने जामा मस्जिद पर विरोध प्रदर्शन से पहले हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस ने हालांकि विरोध प्रदर्शन से पहले उनकी गिरफ्तारी से इनकार कर दिया।
भीम आर्मी प्रमुख के गायब हो जाने के बाद हजारों लोगों ने जामा मस्जिद के सामने अपना विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि भीम आर्मी प्रमुख को जामा मस्जिद क्षेत्र में लाया जाए, जहां से उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद प्रदर्शनकारी सीएए के विरोध में दिल्ली गेट इलाके की ओर चले गए।