आगरा. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठनों का आंदोलन लगातार जारी है। किसान आंदोलन को धार देने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत लगातार देश के विभिन्न हिस्सों में पंचायतों का आयोजन कर रहे हैं। इन पंचायतों में वो पीएम मोदी का नाम लिए बिना उनपर हमले करते भी नजर आते हैं और भाजपा को सत्ता से बाहर करने की बात भी कहते हैं। पिछले दिनों उन्होंने बंगाल जाकर वहां के लोगों से भाजपा को वोट न देने की अपील भी की थी लेकिन अब जब यूपी में पंचायत के चुनाव हैं तो भारतीय किसान यूनियन का रुख बदला-बदला नजर आ रहा है।
दरअसल अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, भाकियू के जनरल सेक्रेटरी युद्धवीर सिंह ने सोमवार को एक बयान जारी कर सभी को चौंका दिया। उन्होंने कहा कि भाकियू 'भाजपा के खिलाफ नहीं है' और उत्तर प्रदेश के लोग आने वाले दिनों में होने वाले पंचायत चुनाव में अपनी इच्छा के अनुसार किसी को भी वोट कर सकते हैं। युद्धवीर सिंह ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं की तरप झुकाव रखने वाले लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं। हमने पंचायत चुनाव के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया है। किसान अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। हम पंचायत चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
उनके इस बयान के बारे में जब भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत से सवाल किए गए तो उन्होंने चुप्पी साधे रखी। राकेश टिकैत ने अंग्रेजी अखबार से कहा कि भाजपा को समर्थन करने या न करने का सवाल कहां से उठता है? यह चुनाव को प्रत्याशी के व्यक्तित्व पर निर्भर करते हैं।
भारतीय किसान यूनियन के एक अन्य वरिष्ठ नेता राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि पंचायत चुनाव में किसी भी पार्टी का समर्थन या विरोध करने की हमारी कोई योजना नहीं है। किसानों को अपने पसंद के उम्मीदवारों को वोट देना चाहिए। हम कोई राजनीतिक दल नहीं हैं। राजवीर सिंह जादौन भाकियू के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष है। उन्होंने आगे कहा कि हमारा ध्यान किसानों के आंदोलन को और मजबूत करने पर है। हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी प्रदान नहीं करती। हम भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों का विरोध करते रहेंगे।