नई दिल्ली। 3 नए किसान कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यू्नियन अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। भारतीय किसान यूनियन ने तीनों कानूनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में मध्यस्थता के लिए आवेदन किया है। याचिका में कहा गया है कि तीन नए कृषि कानून कृषक समाज के लिए घातक साबित होंगे क्योंकि इससे एक नया समानांतर बाजार खड़ा हो जाएगा जो किसी रेग्युलेशन में नहीं होगा और उससे किसानों का शोषण होगा।
इस बीच तीन किसान कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन आज 16वें दिन पहुंच गया है। किसान सरकार से पूरी तरह से तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार कानूनों में सुधार के लिए तैयार है लेकिन कानून वापस लेने से मना कर रही है। कुछ किसान संगठनों ने सरकार के सामने यह मांग भी रख दी है कि सरकार दिल्ली हिंसा के आरोपियों शरजील इमाम और उमर खालिद को भी रिहा करे, लेकिन सभी किसान संगठन इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं और इस मुद्दे पर बंटे हुए नजर आ रहे हैं।
किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली और आसपास में यातायात में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसानों के प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को भी कई मार्ग आवाजाही के लिए बंद हैं। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर के जरिए लोगों को कुछ मार्गों के बंद होने के बारे में सूचित किया और असुविधा से बचने के लिए उन्हें वैकल्पिक रास्तों से जाने की सलाह दी। विभिन्न राज्यों के हजारों किसान पिछले करीब दो हफ्ते से दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला (दिल्ली-नोएडा) बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
दिल्ली यातायात पुलिस ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि टिकरी और ढांसा बॉर्डर यातायात के लिए बंद है जबकि झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए खुला है। यातायात पुलिस ने कहा कि हरियाणा जाने वाले झारौदा, दौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी एनएच-आठ, बिजवासन-बजघेड़ा, पालम विहार, डुन्डाहेड़ा बॉर्डर की तरफ से जा सकते हैं । किसान संगठनों ने मांगें नहीं माने जाने पर देश के विभिन्न रेलमार्गों और राजमार्गों को अवरुद्ध करने की चेतावनी दी है ।