नई दिल्ली/हैदराबाद। देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम आज (16 जनवरी) से शुरू हो गया है। इस बीच भारत बायोटेक (Bharat Biotech) कंपनी ने अपनी कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन/Covaxin' को लेकर साफ कर दिया है कि वैक्सीन के दुष्परिणाम नजर आने पर लाभार्थी को मुआवजा दिया जाएगा। इतना ही नहीं कंपनी ने अपने फॉर्म में इसे खास तौर से लिखा है। कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन की 55 लाख खुराकों की आपूर्ति के लिए सरकार से ऑर्डर प्राप्त करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर टीका लगवाने के बाद किसी को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होते हैं तो उसे कंपनी मुआवजा देगी। शुक्रवार को जारी कंसेंट फॉर्म में लिखा है कि वैक्सीन की वजह से कोई भी गंभीर साइड इफेक्ट्स होने की स्थिति में लाभार्थी को सरकार के तय किए हुए और अधिकृत अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी।
मुआवजा बीबीआईएल द्वारा अदा किया जाएगा
टीका लगवाने वाले लोगों द्वारा जिस फॉर्म पर हस्ताक्षर किये जाने हैं, उस पर भारत बायोटेक ने कहा है, ‘‘किसी प्रतिकूल या गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति में आपको सरकारी चिहि्नत और अधिकृत केंद्रों और अस्पतालों में चिकित्सकीय रूप से मान्यताप्राप्त देखभाल प्रदान की जाएगी।’’ सहमति पत्र के अनुसार, ‘‘अगर टीके से गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होने की बात साबित होती है तो मुआवजा बीबीआईएल द्वारा अदा किया जाएगा।’’
कंपनी ने अभी वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल पूरे नहीं किए
कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में कोविड-19 के खिलाफ एंटीडोट विकसित होने की पुष्टि हुई है। गौरतलब है कि, कंपनी ने अभी वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल पूरे नहीं किए हैं। टीका निर्माता के मुताबिक टीके के क्लिनिकल रूप से प्रभावी होने का तथ्य अभी अंतिम रूप से स्थापित नहीं हो पाया है तथा इसके तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में इसका अध्ययन अभी किया जा रहा है। इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए यह जान लेना आवश्यक है कि टीका लगाने का मतलब यह नहीं है कि कोविड-19 संबंधी अन्य सावधानियों को नहीं बरता जाए।’’
फॉर्म में लिखने होंगे लक्षण
रिपोर्ट्स के अनुसार, वैक्सीन प्राप्त करने वाले को एक फैक्ट शीट और बुरे परिणामों से जुड़ा फॉर्म दिया जाएगा। इस फॉर्म में लाभार्थी को शुरुआती 7 दिनों में नजर आने वाले लक्षणों को लिखना होगा। कंसेंट फॉर्म में लिखा है कि फेज-1 और 2 में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन ने एंटीबॉडी तैयार करने की क्षमता दिखाई है। वहीं, रिपोर्ट ने कहा गया है 'फेज-3 ट्रायल जारी होने के चलते कोवैक्सीन की एफिकेसी को तय नहीं किया जा सका है।' सहमति पत्र में कहा गया, टीका लगवाने के बाद जिन सावधानियों का पालन करना है उसे मानना चाहिए। फॉर्म में टीका तलवाने वालों के डेटा की भी प्राइवेसी का पूर्ण पालन करते हुए इस्तेमाल करने की समहमित मांगी गई है।
मुआवजा देना कंपनी की जिम्मेदारी- विशेषज्ञ
इस क्षेत्र के एक विशेषज्ञ के मुताबिक चूंकि टीका अभी क्लिनिकल ट्रायल के चरण में ही है इसलिए यदि किसी को गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं तो मुआवजा देना कंपनी की जिम्मेदारी बनती है। इस बीच, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘कोवैक्सीन और भारत बायोटेक, राष्ट्र और कोरोना योद्धाओं की सेवा करके सम्मानित और कृतज्ञ महसूस कर रहे हैं।’’ बता दें कि, आज देश में वैक्सीन प्रोग्राम की शुरुआत हो चुकी है। जिसके तहत पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। सरकार पहले दिन 3 लाख लोगों को टीका लगाएगी।