नयी दिल्ली। भारत बायोटेक ने भारतीय औषधी नियामक को पत्र लिखकर स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के उपयोग की अवधि को छह से 24 महीने बढ़ाने का आग्रह किया है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। भारत में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान में दो टीकों के उपयोग को मंजूरी दी है जिसमें भारत बायोटेक का कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया का कोविशील्ड शामिल है। इसके अलावा रूसी स्पूतनिक वी को भी भारत में आपात उपयोग की मंजूरी मिली है।
हैदाराबाद स्थित भारत बायोटेक को कोवैक्सीन टीके की बिक्री और वितरण की अनुमति दी गई थी जिसके उपयोग की अवधि छह महीने तथा इनका दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान पर भंडारण किया जा सकता है। भारत औषधी महानियंत्रक (डीजीसीआई) को भेजे आवेदन में कंपनी ने कहा, ‘‘अब हम इसके उपयोग की अवधि को छह महीने से 24 महीने बढ़ाने के लिये आवेदन कर रहे हैं जब इनका भंडारण 2-8 डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है।’’
अपने प्रस्ताव के समर्थन में भारत बायोटेक ने वास्तविक आधार पर कोवैक्सीन की स्थिरता और इसके उपयोग की अवधि को बढ़ाने को उचित ठहराने के समर्थन में ताजा आंकड़ा पेश किया । गौरतलब है कि डीजीसीआई ने फरवरी में कोविशील्ड के उपयोग की अवधि को उत्पादन के बाद से छह महीने से नौ महीने कर दिया था।
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भारत बायोटेक ने ये रखे हैं Covaxin के दाम
वैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक ने शनिवार को कहा कि वह कोविड-19 के अपने टीके कोवैक्सीन को राज्य सरकारों को प्रति खुराक (शीशी) 600 रुपए में उपलब्ध करायेगी। हैदराबाद की इस कंपनी ने यह भी कहा कि निजी अस्पतालों के लिए इस वैक्सीन के एक खुराक की कीमत 1,200 रुपए होगी।
भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एम एल्ला ने कहा कि उनकी कंपनी केन्द्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक की दर से कोवैक्सीन की आपूर्ति कर रही है और केन्द्र अपनी ओर से यह वैक्सीन मुफ्त वितरित कर रहा है।
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एल्ला ने कहा, ‘‘हम यह बताना चाहते हैं कि कंपनी की आधी से अधिक उत्पादन क्षमता, केन्द्र सरकार को आपूर्ति के लिए आरक्षित की गई है।’’ उन्होंने कहा कि कोविड चिकनगुनिया, जीका, हैजा और अन्य संक्रमणों के लिए वैक्सीन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि वैक्सीन की लागत वसूल हो।
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