कोविड-19 की देसी कोरोना वैक्सीन COVAXIN को लेकर अच्छी खबर आ रही है। इस वैक्सीन को विकसित कर रही भारत बायोटेक ने आज घोषणा की है कि देश में COVAXIN के फेज 3 के ट्रायल चल रहे हैं। फिलहाल देश के विभिन्न शहरों में 13,000 वॉलेंटियर्स शामिल हो चुके हैं।भारत के पहले मेक इन इंडिया वैक्सीन COVAXIN को 26,000 वॉलेंटियर्स पर टेस्ट करने का लक्ष्य तय किया है। कंपनी ने नवंबर में फेज 3 के ट्रायल शुरू किए थे। अब तक इस दिशा में कंपनी ने आधी दूरी तय कर ली है।
कंपनी ने मंगलवार को कहा कि COVAXIN भारत का पहला और एकमात्र फेज-3 स्टडी है। साथ ही भारत में किसी भी वैक्सीन के लिए अब तक का सबसे बड़ा फेज-3 प्रभावकारिता परीक्षण है। COVAXIN का फेज I और फेज II क्लिनिकल ट्रायल लगभग 1000 लोगों पर किया गया है, जिसमें कोरोना वायरस से मुकाबले के बेहतर परिणाम सामने आए हैं।
इमरजेंसी प्रयोग के लिए मांगी है इजाजत
अमेरिकी कंपनी फाइजर और मॉडर्ना एवं आॅक्सफोर्ड के साथ ही भारत बायोटेक ने भी वैक्सीसन के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) के लिए राष्ट्रीय ड्रग्स नियामक, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास आवेदन भेजा है। हालांकि नियामक ने वैक्सीन निर्माता से पर्याप्त सुरक्षा और प्रभावकारिता डेटा मांगा है। भारत बायोटेक द्वारा भारत के स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन COVAXIN को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया गया है।
बेहद खास है COVAXIN का टीका
यह स्वदेशी, निष्क्रिय टीका भारत में बायोटेक के बीएसएल-3 (बायो-सेफ्टी लेवल 3) जैव-रोकथाम सुविधा के रूप में विकसित और निर्मित है, जो दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र है। यह वैक्सीन एक उच्च शुद्ध और निष्क्रिय दो-खुराक Sars-CoV-2 वैक्सीन है, जो कम से कम 300 मिलियन खुराक के एक उत्कृष्ट सुरक्षा ट्रैक रिकॉर्ड के साथ वेरो सेल निर्माण प्लेटफॉर्म में निर्मित है।
भारत बायोटेक के संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने एक बयान में कहा “यह भारत में होने वाला एक अभूतपूर्व टीका परीक्षण है, और हम भागीदारी में लगातार वृद्धि से अभिभूत हैं। हम कोविड-19 के लिए एक सुरक्षित और प्रभावकारी भारतीय वैक्सीन लाने में सक्षम बनाने में उनके समर्थन के लिए देश भर के सभी 13,000 स्वयंसेवकों को ईमानदारी से धन्यवाद देते हैं।”