नई दिल्ली: भारत बायोटेक ने मंगलवार को अपना कोविड-19 का टीका ‘कोवैक्सिन’ देश के 11 शहरों में विमान के जरिये सफलतापूर्वक भेज दिया है। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी। हैदराबाद की वैक्सीन कंपनी ने कहा है कि उसने भारत सरकार को इस टीके की 16.5 लाख खुराक मुफ्त में उपलब्ध कराई हैं। भारत बायोटेक ने बयान में कहा, ‘‘सरकार से 55 लाख खुराक का ऑर्डर मिलने के बाद कंपनी ने टीके की पहली खेप (प्रत्येक शीशी में 20 खुराक) भेज दी है।’’
कंपनी ने बुधवार को ब्राजील की कंपनी प्रेसिसा मेडिकैमेंटोस के साथ लातिनी अमेरिकी देश को वैक्सीन ‘कैंडिडेट’ की आपूर्ति के लिए करार भी किया हैं भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन का विकास भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद तथा राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर किया है। इससे पहले भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने इसी महीने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा विनिर्मित ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड तथा देश में विकसित कोवैक्सिन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
कंपनी ने इन शहरों में भेजा कोरोना वायरस टीका
- गनवरम
- गुवाहाटी
- पटना
- दिल्ली
- कुरुक्षेत्र
- बेंगलुरु
- पुणे
- भुवनेश्वर
- जयपुर
- चेन्नई
- लखनऊ
कोविड-19 का टीका 28 दिन के अंतर पर लगेगा, 14 दिन में करेगा असर: सरकार
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का टीका 28 दिनों के अंतर पर लगेगा और दूसरा टीका लगने के 14 दिनों के बाद उसका असर शुरू होगा। संवाददाता सम्मेलन में केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि टीका का असर खुराक पूरा होने के 14 दिनों बाद दिखना शुरू होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करना जारी रखें।’’
भूषण ने कहा कि टीके की दो खुराक के बीच 28 दिनों का अंतर होगा। भारत में कोविड-19 का टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू हो रहा है और पहले चरण में करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना योद्धाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने हाल ही में दो टीकों के आपात उपयोग की अनुमति दी है। ये टीके हैं ऑक्सफोर्ड का कोविशील्ड जिसका उत्पादन भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है और दूसरा है भारत बायोटेक का कोवैक्सीन।
मंत्रालय के अनुसार, दोनों टीकों के सुरक्षित और प्रभावी होने की पुष्टि हुई है। नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी.के.पॉल ने कहा कि इन दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और दोनों सुरक्षित हैं और उनसे कोई खतरा नहीं है।उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसपर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जिन दो टीकों को मंजूरी दी गई है वे सबसे सुरक्षित हैं। दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और इसके साइड इफेक्ट नगण्य हैं। कोई बड़ा खतरा नहीं है।’’
भूषण ने पहले कहा था कि कोविड-19 का टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से होगा। उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य कर्मी (करीब एक करोड़) सर्वोच्च प्राथमिकता होंगे, उसके बाद अन्य कोरोना योद्धा (करीब दो करोड़), आयु के हिसाब से (करीब 27 करोड़)। स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना योद्धाओं को टीका लगाने पर आने वाला खर्च केन्द्र सरकार वहन करेगी।’’