नई दिल्ली: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति यानी एससी-एसटी एक्ट पर एक बार फिर नये सिरे से बवाल शुरू हो गया है। सवर्ण संगठनों ने केंद्र की मोदी सरकार के संशोधन के फैसले के खिलाफ देशव्यापी बंद का ऐलान किया है। मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान और उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक बंद समर्थकों के हुड़दंग और हंगामे की तस्वीरें भी दिखनी शुरू हो गई हैं। बिहार में लोगों ने ट्रेन रोक दी, सड़कों पर प्रदर्शन किया। कहीं आगजनी की तो कहीं रैली निकाली। इसके अलावा यूपी में पुतला फूंका और एमपी के विदिशा में बाजार बंद कराया। हालत ये है कि मध्य प्रदेश के कई जिलों में धारा 144 लागू है और राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में शटर डाउन है। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने बंद के आह्वान के चलते प्रदेश के सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।
चूंकि भारत बंद है इसलिए मध्य प्रदेश ही नहीं, उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान तक राज्य सरकारें अलर्ट हैं। एमपी के 19 राज्यों में धारा 144 लागू कर दी गई है। ग्वालियर में हिंसा को देखते हुए सरकार और प्राइवेट स्कूल कॉलेज बंद हैं। राजस्थान के दौसा और करेली में पुलिस अलर्ट है। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में बंद के दौरान दुकानें बंद रहेगी। यूपी के कासगंज में भी सवर्णों का आज बंद है।
LIVE अपडेट्स
- महाराष्ट्र: ठाणे के नवघर में भारत बंद के दौरान प्रदर्शन करते लोग। एससी-एसटी एक्ट में सरकार द्वारा किए गए संशोधन के खिलाफ किया जा रहा है प्रदर्शन
- पटना: राजेन्द्र नगर टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर भारत बंद के तहत कई संगठनों का प्रदर्शन
- भारत बंद के चलते ग्वालियर में सभी पेट्रोल पंप आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बंद रहेंगे
- बिहार: दरभंगा और मुंगेर में भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने रोके ट्रेन
- वाराणसी में लोगों ने भारत बंद के दौरान प्रदर्शन किया और पुतले फूंके
- बिहार: मधुबनी, आरा, खगड़िया औऱ छपरा जिले में प्रदर्शन। नैशनल हाईवे जाम किया
सवर्ण समाज की चेतावनी है कि सरकार इस बारे में सोचे कि एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला वो वापस कैसे लाती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी-एसटी एक्ट के तहत तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी, जिसके बाद पूरे मध्य प्रदेश में जबरदस्त हिंसा हुई थी। SC/ST एक्ट पर 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था। देश की सबसे बड़ी अदालत ने एक्ट के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर SC-ST से जुड़े लोगों ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया था जिसके बाद केंद्र सरकार कोर्ट के फैसले के खिलाफ संशोधन लेकर आई। अब बीजेपी तय नहीं कर पा रही है कि उसे करना क्या है। सवर्णों ने साफ कहा है कि अगर फैसला वापस नहीं लेती है सरकार तो आने वाले चुनाव में वो नोटा दबाएंगे। स्थिति ऐसी है कि सरकार सवर्णों के साथ खड़ी होती है तो भी नुकसान है और अगर दूर होती है तो भी नुकसान है।