नई दिल्ली. देश के कई हिस्सों में किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का असर का असर दिखाई दे रहा है। देश के कई हिस्सों में किसानों ने यातायात को अवरुद्ध करने के लिए सड़कों पर कब्जा कर लिया है, वहीं कुछ प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर भी कब्जा जमाए बैठे हुए हैं। देश की राजधानी नई दिल्ली में पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिये प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया, जिसके चलते सुबह के समय कई हिस्सों में ट्रैफिक जाम देखा गया। दिल्ली पुलिस ने अपने सीमावर्ती बिंदुओं पर सुरक्षा जांच बढ़ाई है, जिससे यातायात धीमा हो गया। आइए आपको 10 तस्वीरों के जरिए दिखाते हैं किसान संगठनों का 'भारत बंद'।
गुरुग्राम से दिल्ली आने वाले मार्ग पर भारत बंद की वजह से चलाए गए विशेष चेकिंग अभियान की वजह से लंबा जाम देखा गया। पुलिस के अनुसार, विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकियों पर अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है और राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले प्रत्येक वाहन की पूरी जांच की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं पर तीन विरोध स्थलों से किसी भी प्रदर्शनकारी को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
हरियाणा के सोनीपत, सिरसा, फतेहाबाद और कुरुक्षेत्र सहित कुछ स्थानों पर राजमार्गों को प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध किए गए। राज्य में कुछ स्थानों पर किसान रेल की पटरियों पर बैठ गए, जिस वजह से ट्रेनों का आवागमन भी प्रभावित हुआ। हरियाणा पुलिस ने रविवार को जारी एक परामर्श में कहा था कि बंद के कारण लोगों को राज्य की विभिन्न सड़कों और राजमार्गों पर यातायात व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है।
बिहार में कई जगहों पर किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन किए गए। राजधानी पटना में कई समूह सड़क पर उतरकर लोगों को रोकते हुए नजर आए। मुजफ्फरपुर में राजद के कार्यकर्ताओं ने हाईवे पर प्रदर्शन किया जिस वजह से जाम की स्थिति पैदा हो गई।
किसानों ने पंजाब में कई स्थानों पर राजमार्ग और अन्य सड़कें जाम कीं। पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कहा है कि वह केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों के भारत बंद के आह्वान पर उनके साथ दृढ़ता से खड़ी है। पंजाब में मोगा सहित कई स्थानों पर पूर्ण बंद का असर दिखा, जहां किसानों ने मोगा-फिरोजपुर और मोगा-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया। बठिंडा-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग को भी किसानों ने अवरुद्ध कर दिया।
रांची में भी दिखाई दिया बंद का असर।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) भारत बंद के लिए किसान यूनियन के साथ है। सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘पीपीसीसी 27 सितंबर 2021 को किसान यूनियनों के भारत बंद के आह्वान पर उनके साथ मजबूती से खड़ी है। सही और गलत की जंग में आप तटस्थ नहीं रह सकते। हम कांग्रेस के हर कार्यकर्ता से असंवैधानिक तीन काले कानूनों के खिलाफ अपनी पूरी ताकत से लड़ने का आग्रह करते हैं।’’
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन और उनके ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन करते हुए सोमवार को कहा कि किसानों को सम्मान नहीं देने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। सपा प्रमुख ने ट्वीट कर किसान आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की। यादव ने ट्वीट किया, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा के ‘भारत बंद’ को सपा का पूर्ण समर्थन है। देश के अन्नदाता का मान न करने वाली दंभी भाजपा सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। किसान आंदोलन भाजपा के अंदर टूट का कारण बनने लगा है।’’
कोलकाता में कई जगह पर लेफ्ट के कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करते नजर आए। कोलकाता से सामने आई तस्वीरों में प्रदर्शनकारियों को एक रेलवे ट्रैक पर बैठे देखा जा सकता है। इसी तरह की तस्वीरें पश्चिम मिदनापुर से भी आईं, जिसमें वाम मोर्चा समर्थकों ने आईआईटी खड़गपुर-हिजरी रेलवे लाइन को बाधित किया।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद के समर्थन में कांग्रेस, वाम दलों, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और अन्य ने तेलंगाना में सोमवार को विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किए। विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने बसों का संचालन बाधित करने के लिए राज्य में विभिन्न स्थानों पर बस अड्डों के बाहर प्रदर्शन किए। उन्होंने केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार और तेलंगाना की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वनपर्थी, नलगोंडा, नागरकुरनूल, आदिलाबाद, राजन्ना-सिरसिला, विकराबाद और अन्य जिलों में विरोध प्रदर्शन हुए। कांग्रेस के पूर्व विधायक राममोहन रेड्डी ने अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ यहां निकट परीगी में विरोध प्रदर्शन किया।