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पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के यादगार भाषण, पाकिस्तान को लगाई थी लताड़, पूरी दुनिया में हुई चर्चा

भाजपा की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल का दौरा पड़ने से 67 साल की उम्र में निधन हो गया। पूरा देश इस घटना से दुख में डूबा हुआ है। वह एक अच्छी वक्ता थीं। जब वह बोलती थीं तो सुनने वाले सिर्फ सुनता ही रहता था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 07, 2019 4:54 IST
Former Foreign Minister Sushma Swaraj- India TV Hindi
Image Source : AP Former Foreign Minister Sushma Swaraj

नई दिल्ली: भाजपा की कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल का दौरा पड़ने से 67 साल की उम्र में निधन हो गया। पूरा देश इस घटना से दुख में डूबा हुआ है। वह एक अच्छी वक्ता थीं। जब वह बोलती थीं तो सुनने वाले सिर्फ सुनता ही रहता था। संसद से लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत का पक्ष रखने तक उनके भाषण यादगार रहे हैं। साल 2015 में विदेश मंत्री की हैसियत से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की 70वीं महासभा के अधिवेशन को संबोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने जब पाकिस्तान को लताड़ा लगाई तो पूरी दुनिया का ध्यान उन्हीं पर केंद्रित हो गया था।

साल 2015, UN में दिया भाषण

अपने भाषण में सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को खुलेआम आतंकवाद की फैक्ट्री कहकर संबोधित किया था। उनके इस भाषण की पूरे विश्व में चर्चा हुई थी। सुषमा ने अपने भाषण में कहा था कि “पाक जो खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताता है दरअसल झूठ बोल रहा है। जब तक सीमापार से आतंक की खेती बंद नहीं होगी भारत पाकिस्तान के बीच बातचीत नहीं हो सकती। पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री बन गया है, भारत ने उसके 2-2 आतंकवादी जिंदा पकड़े हैं। भारत हर विवाद का हल वार्ता के जरिए चाहता है किंतु वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।”

भाषण में सुषमा स्वराज ने कहा कि “इसी मंच (संयुक्त राष्ट्र) से पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाक और भारत के बीच शांति पहल का एक चार सूत्रीय प्रस्ताव रखा था, मैं उसका उत्तर देते हुए कहना चाहूंगी कि हमें चार सूत्रों की जरूरत नहीं है, केवल एक सूत्र काफी है, आतंकवाद को छोड़िए और बैठकर बात कीजिए। अमल करने की बात तो दूर, सीमा पार से हाल ही में नए हमले हुए हैं। भारतीय सुरक्षा बलों ने सीमा पार के दो आतंकवादी जिंदा भी पकड़े हैं।”

2017, UN में भाषणा

पाकिस्तान के जम्मू-कश्मीर को पाने के मंसूबों पर उसकी क्साल लगाते हुए उन्होंने कहा "सीमा पार से आतंकी आया है, लिखित में हमारे पास उसका सबूत है। मैं एक चीज यहां बता दूं अगर पाकिस्तान ये समझता है कि इस तरह की हरकतें करके या इस तरह के भड़काऊ बयान देकर वो भारत को कोई हिस्सा हमसे छीन सकता है। तो मैं पूरी दृढ़ता और स्पष्टा से यहां ये कह देना चाहती हूं कि आपका ये मंसूबा कभी कामयाब नहीं होगा। कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और अभिन्न हिस्सा रहेगा। इसीलिए ये ख्वाब देखना छोड़ दें।"

29 सितंबर 2018, संयुक्त राष्ट्र में भाषण

सुषमा स्वराज ने अपने भाषण की शुरुआत बेहद ही दमदार और शानदार तरीके से की थी। यह उनका भाषण है- वसुधैव कुटुंबकम् की बुनियाद है परिवार और परिवार प्यार से चलता है , व्यापार से नहीं। परिवार मोह से चलता है, लोभ से नहीं। परिवार संवेदना से चलता है, ईर्ष्या से नहीं। परिवार सुलह से चलता है, कलह से नहीं। इसीलिए हमें UN को परिवार के सिद्धांत पर चलाना होगा।

अमेरिका की खुफिया तंत्र की सफलता थी कि उन्होंने ओसामा को ढूंढ निकाला और मार गिराया। पाकिस्तान की हिमाकत देखिए कि सारा सच सामने आने के बाद भी उनके माथे पर शिकन नहीं है। 26/11 का मास्टरमाइंड रैलियां करवाता है, सरेआम घूमता है। दुनिया ने पाकिस्तान का चेहरा पहचान लिया है। हम पर बातचीत को रोकने का आरोप लगता है. यह सफेद झूठ है, हम मानते हैं कि सबसे मुश्किल मामलों को सुलझाने में भी बातचीत की अहम भूमिका होती है. पाकिस्‍तान के साथ कई मौकों पर बातचीत शुरू हुई है, यदि वो रूकी हैं तो यह केवल उनके व्‍यवहार के कारण।

एक आतंकी से बढ़कर मानवाधिकारों का सबसे बड़ा दमनकारी कौन है, जो लोग किसी भी तरीके से निर्दोष लोगों की जान ले लेते हें वे अमानवीय व्‍यवहार का पक्ष लेते हैं मानवाधिकारों का नहीं, पाकिस्‍तान हत्‍यारों को महिमामंडित करता है, उसे मासूमों का खून नहीं दिखता। पाकिस्तान डबल गेम खेलता है, एक तरफ भारत को बातचीत का प्रस्‍ताव देता है तो दूसरी ओर बीएसएफ के तीन जवानों की हत्‍या कर देता है, छल करना पाकिस्‍तान की आदत है। वहां पर (पाकिस्तान में) सर्दइ जैसे आतंकी खुलेआम घूम रहे हैं, वे भारत के खिलाफ बयान देते हैं लेकिन वहां की सरकार कुछ नहीं करती।

संस्कृत के एक श्लोक के साथ मैं अपनी बात समाप्त करूंगी। सर्वेशां स्वस्तिर भवतु, सर्वेशां शांति भवतु, सर्वेशां पूर्णम भवतु, सर्वेशां मंगलं भवतु।

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