Monday, November 25, 2024
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ठाकरे के हस्तक्षेप के बाद बेस्ट की हड़ताल समाप्त, सुचारू हुई यातायात व्यवस्था

शहर के नौ यूनियनों के कर्मचारियों के ड्यूटी पर नहीं आने की वजह से की वजह से बेस्ट के बेड़े की करीब 3,800 बसें डिपो में रहीं। इससे करीब 30 लाख यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जो इन बसों को अपने रोजाना की यात्रा के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह ह

Edited by: India TV News Desk
Updated on: August 08, 2017 8:14 IST
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मुंबई: समय पर वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर उतरे बंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) के कर्मचारी सोमवार शाम हड़ताल खत्म करके काम पर लौट आए। बेस्ट के करीब 37,000 कर्मचारियों ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हस्तक्षेप के बाद अपनी 16 घंटे की हड़ताल वापस ली। हड़ताल तब समाप्त हुई, जब ठाकरे ने बेस्ट के नौ कर्मचारी संघों के नेताओं से अपने आवास पर मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगें पूरी की जाएंगी, जिसमें समय पर वेतन भुगतान की मांग शामिल है। बेस्ट का संचालन बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधीन है, जहां ठाकरे की पार्टी का शासन है। ये भी पढ़ें: नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, सरकार जल्द ही ले सकती है यह बड़ा फैसला

उन्होंने घाटे में चल रही बेस्ट के पुनर्गठन के उपायों तथा बेस्ट और बीएमसी का बजट जल्द ही एकसाथ मिलाने पर भी चर्चा की। ठाकरे ने बैठक के बाद कहा, "बीएमसी के मद्देनजर बेस्ट का पुनर्गठन शिवसेना के लिए एक घोषणापत्र है और हम इसे पूरा करेंगे।" उल्लेखनीय है कि बेस्ट कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए सोमवार को हड़ताल कर दी।

शहर के नौ यूनियनों के कर्मचारियों के ड्यूटी पर नहीं आने की वजह से की वजह से बेस्ट के बेड़े की करीब 3,800 बसें डिपो में रहीं। इससे करीब 30 लाख यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जो इन बसों को अपने रोजाना की यात्रा के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह हड़ताल ऑटोरिक्शा व टैक्सी के लिए फायदेमंद साबित हुई, जिनकी लोगों में आवागमन के लिए मांग बढ़ी।

इससे ऑटोरिक्शा व टैक्सी चालकों ने यात्रियों से थोड़ी दूरी के लिए अधिक किराए वसूले, जबकि बहुत से यात्रियों ने ओला व उबर जैसी दूसरी सेवाओं का इस्तेमाल किया। बेस्ट इंप्लाईज यूनियन के अध्यक्ष शशांक राव ने कहा कि कर्मचारियों ने अपना वेतन समय पर दिए जाने की मांग और एक लिखित भरोसा दिए जाने की मांग की, लेकिन वृह्न्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) प्रशासन ऐसा कर पाने में विफल रहा।

हड़ताल के कारण ठाणे और रायगढ़ जैसे पड़ोसी जिलों में भी परिवहन प्रभावित हुआ। एक यात्री एम.एन.बोस ने शिकायत की कि उन्होंने कालिना से सांताक्रूज तक जाने के लिए 200 रुपये खर्च किए, जहां के लिए आमतौर पर लगभग 50 रुपये खर्च होता है। सेनल बी.यू. ने कहा कि उन्होंने अपने भाई को राखी बांधने कांदिवली से दहिसर जाने के लिए 250 रुपये का भुगतान किया, जबकि आमतौर पर वहां तक का किराया 70 रुपये बैठता है।

महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने अपनी एसटी बसों को कुछ प्रमुख क्षेत्रों में यात्रियों के लिए तैनात किया, जबकि राज्य सरकार ने निजी बसों को भी नियमित यात्रियों को ले जाने की इजाजत दे दी। राव ने सभी बेस्ट कर्मियों को तत्काल ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया और बसों के सड़कों पर उतरने के साथ ही देर शाम तक स्थिति सामान्य होने लगी।

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