बेंगलुरु: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की दो दिवसीय बैठक आज बेंगलुरु के चेन्नहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र में शुरू हो रही है। इस बैठक में प्रतिनिधि सभा में पारित होने वाले प्रस्ताव पर चर्चा के साथ- साथ पिछले एक साल में सभी प्रांतों में हुए कार्यों पर चर्चा होगी। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत से लेकर बीजेपी अध्यक्ष सहित कई बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना है। आपको बता दें कि आरएसएस के इतिहास में पहली बार नागपुर से बाहर हो रही अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की चुनावी बैठक इसीलिए भी काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि 20 मार्च को संघ में नंबर दो के पद यानी सरकार्यवाह का चुनाव होना है ऐसे में देखना है कि पांचवी बार भैय्याजी जोशी सरकार्यवाह का दायित्व संभालेंगे या फिर उनकी जगह किसी दूसरे को चुनाव जाएगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि समाज में कार्यरत सामाजिक, धार्मिक संगठनों को साथ लेकर समाज व्यापी, राष्ट्र व्यापी सामाजिक शक्ति खड़ी करना ही संघ का लक्ष्य है। संघ समाज की सामूहिक शक्ति के जागरण का कार्य कर रहा है। देश समाज के लिए कार्य करने वाले समान विचार के समस्त लोगों, संगठनों को साथ जोड़ना, इस दिशा में भी संघ प्रयास कर रहा है।
जनसेवा विद्या केंद्र, बेंगलुरु में होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया था कि यह सभा संघ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है। निर्णय प्रतिनिधि सभा में ही लिए जाते हैं। उन्होंने बताया था कि 19 मार्च सुबह बैठक शुरू होगी, पहला सत्र 8.30 से प्रारंभ होगा। 9 बजे प्रेस वार्ता रहेगी। सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य प्रेस वार्ता में प्रस्तावों के संबंध में जानकारी देंगे। हर तीन साल में सरकार्यवाह का चुनाव होता है, तो 20 मार्च को दूसरे सत्र में सरकार्यवाह के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी।
उन्होंने कहा कि संघ ने अपने कार्य की ²ष्टि से 60 हजार मंडल, 60 हजार बस्ती बनाई हैं। इनमें से लगभग 65 हजार स्थानों पर संघ की पहुंच है। इन स्थानों पर प्रत्येक परिवार तक संघ की पहुंच हो, कार्य विस्तार की दृष्टि से ऐसा संघ का प्रयास है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी प्रतिनिधि सभा बेंगलुरु में होनी थी, लेकिन परिस्थितियां बदलीं। कोरोना के कारण स्थगित करने का निर्णय लिया गया। इस बार निश्चित हुआ कि बेंगलुरु में ही प्रतिनिधि सभा की जाए।
प्रतिनिधि सभा में 1500 लोग अपेक्षित रहते हैं। लेकिन कोरोना का संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए पहले से ही ध्यान में रखकर तय किया और न्यूनतम आवश्यकता को देखते हुए 450 लोगों को बुलाया। साथ ही तीन दिन के स्थान पर दो दिन की बैठक रखी। उन्होंने कहा कि संघ कार्य की दृष्टि से 44 प्रांत बनाए हैं, इन प्रांतों के निर्वाचित प्रतिनिधि व अन्य लगभग 1000 लोग 44 स्थानों से ऑनलाइन माध्यम से बैठक में जुड़ेंगे।