पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनाव और बढ़ गया है। राज्य सरकार ने बीजेपी को रथयात्रा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सांप्रदायिक तनाव फैलने का हवाला देते हुए रथयात्रा को अनुमति नहीं दी है। राज्य सरकार ने कहा है कि बीजेपी रथयात्रा से अव्यवस्था फैल सकती है और ट्रैफिक गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है। बताई गई अवधि में बड़े त्योहार और कार्यक्रम होने हैं, जिसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस सहित अन्य सरकारी संसाधनों को तैनात करने की जरूरत होगी।
सरकार द्वारा मंजूरी न मिलने पर प्रदेश बीजेपी चीफ दिलीप घोष ने कहा, 'पश्चिम बंगाल सरकार ने बीजेपी को रथयात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी है। बीजेपी अपने स्थान पर सभा आयोजित कर सकती है जिसके लिए पार्टी से ताजा अनुमति की जरूरत होगी।' बता दें कि गुरुवार को पार्टी ने कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में रथयात्रा निकालने को प्रतिबद्ध है।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस रथयात्रा को एक राजनीतिक हथकंडा करार दिया और राज्य के लोगों से इसकी अनदेखी करने की अपील की। बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सात दिसंबर को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को 12 दिसंबर तक भाजपा के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने और 14 दिसंबर तक रथयात्रा पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। सरकार के फैसले पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पार्टी तृणमूल कांग्रेस सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध ऊपरी अदालत जायेगी।