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चंद्रयान-2 से दुनियाभर में भारत की साख ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि ये फायदे भी होंगे

इसरो के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिये विस्तृत अध्ययन करना है। आइए आपको बताते हैं चंद्रयान-2 से भारत को होंगे क्या फायदे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 22, 2019 12:34 IST
chandrayaan-2 launch- India TV Hindi
chandrayaan-2 launch

नई दिल्ली। चांद पर जाने वाले भारत के चंद्रयान-2 का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चीफ के सिवन ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि चंद्रमा पर भेजे जाने वाले भारत के दूसरे यान की रविवार शाम को उल्टी गिनती 6.43 बजे से शुरू हो गई। पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था, चंद्रयान में लिक्विड कोर स्टेज पर ईंधन भरने का काम पूरा हो गया है।  चंद्रयान के प्रक्षेपण के लिए जीएसएलवी-एमके3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जा रहा है।  यह दुनिया का पहला मिशन है जिसमें लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।

बता दें कि इसरो का यह अभियान साल 2008 में प्रक्षेपित चंद्रयान-1 की ही अगली कड़ी है। इसरो के मुताबिक इस अभियान का उद्देश्य चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिये विस्तृत अध्ययन करना है। आइए आपको बताते हैं चंद्रयान-2 से भारत को क्या फायदे होंगे।

1. ब्रह्मंड के गहरे रहस्य होंगे उजागर

इसरो के मुताबिक चंद्रयान-2 सौर मंडल के बारे में कुछ बुनियादी सवालों के सुराग उपलब्ध कराएगा, जो कि चंद्रमा के क्रेटरों, पहाड़ियों और घाटियों में छिपे हैं। इनका अध्ययन इसरो को ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने में मदद करेंगे।

2. जनता से जुड़ाव

चंद्रयान 2 पूरे देश को प्रेरित करेगा और युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के वास्तविक जीवन के अनुप्रयोगों को समझने के लिए प्रेरित करेगा - मनुष्य और समाज की समस्याओं को सुलझाने में किसी से पीछे नहीं रहेगा।

3.इनोवेशन के प्रति प्रेरित करेगा

युवाओं को मिलने वाली बड़ी चुनौतियां न सिर्फ इनोवेशन को बढ़ाएगी बल्कि भविष्य के अनुसंधान और विकास को गति मिलेगी।.

4. अंतरिक्ष में बढ़ेगी भारत की धमक

चंद्रमा पर यह मिशन भविष्य की के अंतरिक्ष अन्वेषण के साथ-साथ इन-सीटू संसाधन उपयोग के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों को साबित करने के लिए एक बेहतर परीक्षण मंच है।

5. आर्थिक संभावनाओं का पता लगेगा

उद्योग हमेशा इसरो के अंतरिक्ष कार्यक्रम में भागीदार रहा है और भविष्य में गठबंधन को मजबूत करने के लिए बड़े अवसर हैं। इस मिशन के चलते भविष्य में निजी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में अवसर पैदा होंगे।

6. इससे पहले चंद्रयान-1 ने चांद पर की थी पानी की पुष्टि

इस मिशन के मुख्य उद्देश्यों में चंद्रमा पर पानी की मात्रा का अनुमान लगाना, उसके जमीन, उसमें मौजूद खनिजों एवं रसायनों तथा उनके वितरण का अध्ययन करना और चंद्रमा के बाहरी वातावरण की ताप-भौतिकी गुणों का विश्लेषण है। उल्लेखनीय है चंद्रमा पर भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 ने वहां पानी की मौजूदगी की पुष्टि की थी। इस मिशन में चंद्रयान-2 के साथ कुल 13 स्वदेशी पे-लोड यान वैज्ञानिक उपकरण भेजे जा रहे हैं। 

7. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की साझा आकांक्षा में सहयोग

ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज और उन्हें उजागर करने में भारत एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता होगा, जो वैश्विक समुदाय द्वारा साझा की गई एक आकांक्षा है।

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