नई दिल्ली: मौसम का अनुमान लगाने वाली एक एजेंसी ने आज कहा कि इस साल मानसून सामान्य से कम रहेगा और पश्चिम भारत में कम वर्षा होने की संभावना है। प्रशांत महासागर के पानी के गर्म होने से संबंधित परिघटना अल नीनो को इस साल संभावित कमजोर मानसून के कारणों में एक बताया जा रहा है।
दूसरी निजी मौसम अनुमान एजेंसी वेदर रिस्क ने इस साल अल-नीनो परिघटना का अनुमान लगाया है और कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून के उत्तार्द्ध के दौरान मानसून पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है। वैसे भारतीय मौसम विभाग अगले महीने अपना मानसून अनुमान जारी करेगा।
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स्काईमेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जतिन सिंह ने बताया कि मानसून के पूर्वार्द्ध में उत्तरार्द्ध की तुलना में अच्छी वर्षा हो सकती है।
गुजरात, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे क्षेत्रों में औसत से कम वर्षा हो सकती है जबकि पूर्वी भारत खासकर ओडि़शा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सामान्य मानसून रहने की उम्मीद है।