नई दिल्ली: बेंगलुरु से देवी महालक्ष्मी की पूजा की ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे देखकर आप दंग रह जाएंगे। इस तस्वीर की खासियत ये है कि पूजा नोटों की गडि्डयों से हो रही है। देवी लक्ष्मी की मूर्ति के सामने नोटों की इतनी गडि्डयां है कि आप इसे गिन नहीं पाएंगे। सोशल मीडिया पर ये तस्वीर वायरल हो रही है। ये तस्वीरें हैरान करने वाली हैं इसलिए हमने वायरल तस्वीर की तहकीकात शुरू की। सोशल मीडिया के मुताबिक ये तस्वीरें या तो भुवनेश्वर की है या फिर बैंगलुरू की इसलिए इंडिया टीवी की टीम ने दोनों जगह इसकी पड़ताल शुरू की। ये भी पढ़ें: 12000 करोड़ की रेमंड के मालिक विजयपत सिंघानिया पाई-पाई को मोहताज
इन तस्वीरों को देखने से इतना जरूर समझ आ गया कि ये महालक्ष्मी पर्व की तस्वीरें हैं। दक्षिण भारत में खासकर आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ये पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, इसे तेलगु फेस्टिवल कहा जाता है इसीलिए पहले हमें लगा कि ये तस्वीरें आन्ध्र प्रदेश या फिर तेलंगाना की ही होंगी लेकिन जब हमने छानबीन की तो पता चला कि वहाँ ऐसी कोई पूजा नहीं हुई है।
दरअसल, ये तस्वीरें तस्वीरें बेंगलुरु की हैं। हमें ये भी पता चला कि बेंगलुरु के HSR ले आउट में रहने वाले सूर्यनारायण नाम के एक शख्स के घर की तस्वीरें हैं। जब सूर्यनारायण को पता चला कि इंडिया टीवी की टीम उनसे मिलने आई है तो खुद घर से बाहर आ गए। इलाके के लोग दबी जुबान में कहते हैं कि सूर्यनारायण एक अरबपति है लेकिन ये जानकर हम दंग रह गए कि कुछ साल पहले तक सूर्यनारायण के पिता शहर में ऑटो रिक्शा चलाकर अपने परिवार का गुजारा करते थे।
सूर्यनारायण को इस बात का अहसास पहले ही हो गया कि हम उनसे क्या पूछने वाले हैं। वो एक कागज साथ लेकर आए थे। ये बैंक को लिखा वो एप्लीकेशन है। सूर्यनारायण ने ये भी बताया कि वो परम्परा के मुताबिक हर साल वर लक्ष्मी पूजा के दिन बैंक से रुपये निकालते हैं और पूजा में रखते हैं और फिर उन्हें बैंक में जमा करवा देते हैं। सबूत के तौर पर उन्होंने बैंक के कागजात भी दिखाए जिस पर सबकुछ साफ साफ लिखा था।
दरअसल, सूर्यनारायण बेंगलुरु डिवेलपमेंट अथॉरिटी के ब्रोकर हैं, 15 साल में साइट्स के लेनदेन में जुटे सूर्यनारायण ने बेंगलुरु में जमीन की आसमान छूती कीमतों का जबरदस्त फायदा हुआ और जल्द ही धन कुबेर बन गए। सूर्यनारायण ने इस साल 93 लाख रुपयों के नोटों के बंडल और डेढ़ किलो सोने के आभूषण पूजा में रखे। तहकीकात में पता चला कि नोटों की गड्डिया काला धन नहीं है। सूर्यनारायण का दावा है कि उनकी वार्षिक कमाई 15 करोड़ है लेकिन इलाके के लोग कहते हैं कि उनकी दौलत सैंकड़ों करोड़ में है।