पुणे: भारत में 5 मई से वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी गई है, जो कि एक राहत की बात है। इस मुद्दे को लेकर देश में बड़े स्तर पर राजनीतिक हंगामे की शुरूआत हुई थी। सोमवार को यहां जारी आरटीआई अनुरोध जवाब में इसका खुलासा हुआ है। पुणे में रहने वाले कार्यकर्ता प्रफुल्ल सारदा द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय ने 5 मई तक 95 देशों को विभिन्न श्रेणियों में निर्यात किए गए टीकों का विवरण प्रदान किया है।
इसमें एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में घरेलू उत्पादन और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पुन: आपूर्ति (निर्यात) कराई जा सकती है। आईएएनएस के द्वारा ही सबसे पहले 27 अप्रैल को टीकों के निर्यात के विवरण की सूचना दी गई थी, जिससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हुआ था।
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, वाम और अन्य विपक्षी दलों सहित देश के सभी प्रमुख दलों ने इस मुद्दे पर बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
सारदा ने आईएएनएस को बताया, "हालांकि निर्यात संबंधी बुनियादी आंकड़ों को छोड़कर सरकार ने कई अन्य संबंधित सूचनाओं पर चुप्पी साध रखी है। बहरहाल इतनी बड़ी मात्रा में खुराकों का निर्यात किए जाने से बड़े पैमाने पर भारतीयों को इसके लाभ से वंचित रहना पड़ा।