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दिल्ली में प्रदूषण की वजह से पूरे NCR में जनरेटर पर रोक, लोगों को हो रही परेशानी

दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली एनसीआर में 15 मार्च तक जनरेटर चलाने पर रोक लगा दी गई है। जनरेटर पर लगी रोक के चलते गाजियाबाद के इंदिरापुरम की ज्यादातर सोसाइटी में लोग परेशान हो रहे है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : October 19, 2020 19:30 IST
Ban on diesel generators in NCR till 15th March
Image Source : PTI Ban on diesel generators in NCR till 15th March

गाजियाबाद: दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली एनसीआर में 15 मार्च तक जनरेटर चलाने पर रोक लगा दी गई है। जनरेटर पर लगी रोक के चलते गाजियाबाद के इंदिरापुरम की ज्यादातर सोसाइटी में लोग परेशान हो रहे है। सोसाइटी के आरडब्ल्यूए का कहना है की सोसाइटी में जनरेटर न चलाने पर रोक लगाने का फैसला गलत है। उन्होनें बताया की जनरेटर न चलने से हर वर्ग के लोगों को परेशानी होगी। वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगों को परेशानी होगी। 

हालांकि सोसाइटी में अससेंटियाल सर्विस को छूट दी गयी है जिसमे लिफ्ट और कॉमन एरिया की लाइट्स जलेंगी। पानी के लिए पंप जल सकते है लेकिन सोसाइटी की आरडब्ल्यूए का कहना है की ऐसा कोई सिस्टम नही है जिसमे सिर्फ लिफ्ट के लिए जनरेटर चलाया जा सके। जनरेटर चलाने से पूरे टावर की लाइट चलती है। 

वही सोसाइटी में रह रहे लोगों का कहना है की अगर जनरेटर नही चलेगा तो वर्कफ़्रोम होम करने वाले लोगों को परेशनी होगी। इंदिरापुरम में रह रहे एक शख्स का कहना है की पावर कट होने से कई परेशानियां होंगी स्थानीय निवासी ने बताया की उनके पिता जी को पेस मेकर लगा हुआ है, अगर पावर कट होगा तो मुश्किलें बढ़ेंगी। सरकार को ऐसी हालत में कोई विकल्प देना चाहिए। 

दिल्ली में वायु प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़ने का अनुमान

राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, हालांकि हवा की अनुकूल गति के कारण प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी आई है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने शहर के प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी बढ़ने का अनुमान जताया है। केन्द्र सरकार की एजेंसी ने बताया कि रविवार को पराली जलाने की 1,230 घटनाएं हुईं जो इस मौसम में एक दिन में पराली जलाने की अब तक कि सबसे ज्यादा घटनाएं हैं। 

दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषक कणों में पराली जलाने की हिस्सेदारी रविवार को 17 फीसदी थी। शनिवार को यह 19 फीसदी थी, शुक्रवार को 18 फीसदी, बुधवार को करीब एक फीसदी और मंगलवार, सोमवार और रविवार को करीब तीन फीसदी थी। दिल्ली में सोमवार सुबह पौने नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 232 दर्ज किया गया। 

रविवार को 24 घंटे के दौरान औसत गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 254 दर्ज किया गया। शनिवार को यह 287 दर्ज किया गया था। शुक्रवार को यह 239, बृहस्पतिवार को 315 दर्ज किया गया था, जो इस वर्ष 12 फरवरी के बाद से सबसे ज्यादा खराब है। उस दिन एक्यूआई 320 था। वायु गुणवत्ता शून्य से 50 के बीच ‘अच्छी’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम’, 201 से 300 तक ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ मानी जाती है। 

इससे पहले, रविवार को केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि प्रदूषण की समस्या का एक दिन में समाधान नहीं किया जा सकता है और हर कारक से निपटने के लिए लगातार प्रयास की जरूरत है। फेसबुक लाइव कार्यक्रम में लोगों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में वायु प्रदूषण के बड़े कारक यातायात, उद्योग, कचरा, धूल, पराली आदि हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा था कि दिल्ली में पिछले साल की तुलना में इस साल सितम्बर के बाद से प्रदूषकों के व्यापक स्तर पर छितराव के लिये मौसमी दशाएं ''अत्यधिक प्रतिकूल'' रही हैं। 

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