नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही ताज महल का दौरा कर इसे लेकर जारी विवाद को खत्म करने की कोशिश की हो लेकिन ऐसा लगता है यह सब पूरी तरह नहीं हो पाया। इस बार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की इतिहास विंग ने मांग की है कि ताज महल में पढ़ी जाने वाली नमाज बंद की जाए।
उन्होंने कहा है कि अगर प्रशासन यह नहीं कर सकता तो फिर उन्हें भी ताज महल में शिव चालिसा पढ़ने की इजाजत मिले। संघ के इस संघटन के सचिव डॉ. बालमुकुंद पांडे ने कहा है कि ताज महल राष्ट्रीय धरोहर है और एक विशेष धर्म के लोगों को इसका उपयोग क्यों करने दिया जा रहा है। अगर परिसर में नमाज पढ़ीजा सकती है तो वहां शिव चालीसा की भी अनुमति दी जानी चाहिए।
नमाज की वजह से ताजमहल को शुक्रवार को बंद रखा जाता है। हाल ही में ताजमहल के भीतर हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों द्वारा शिव चालीसा का पाठ किए जाने को लेकर मामला बढ़ गया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्राचीन शिव मंदिर है को तोड़कर ताजमहल बनाया गया है , जिस वजह से उन्हें वहां शिव चालीसा के पाठ का अधिकार है।
उनका ये भी कहना है कि इस बात के सबूत मौजूद हैं कि शिव मंदिर को हिंदू राजा ने बनवाया था। डॉक्टर पांडे का दावा है कि ताजमहल प्यार की निशानी नहीं है, क्योंकि शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की मौत के 4 महीने के भीतर शादी कर ली थी।