चमोली. उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी को आई 'जल प्रलय' ने बहुत ज्यादा तबाही मचाई, इस तबाही में न सिर्फ तपोवन में चल रहे पावर प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा बल्कि कई गांवों को जोडने वाला पूल भी पानी के तेज बहाव में बह गया। चमोली जिले के अन्य भाग से कटे गांवों को फिर से जोड़ने के लिए अब BRO (Border Roads Organisation) ने यहां पर बेली ब्रिज बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है।
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पढ़ें- रोहतक के जाट कॉलेज में कल रात ताबड़तोड़ फायरिंग, हमले में 2 महिला पहलवान समेत 5 की मौतBRO के अधिकारी कर्नल ब्रिजेंद्र एस सोनी ने मीडिया को बातचीत में बताया कि हम यहां पर सबसे पहले बेली ब्रिज बना सकते हैं। बाद में हम चमोली में कनेक्टिविटी के लिए स्थायी पुल बनाएंगे। ब्रिज एक इंजीनियरिंग चुनौती है। पहले यह मलबा था, अब इसकी स्थापना है, लेकिन हम इसे जल्द ही लॉन्च करेंगे। वहीं BRO के डॉयरेक्टर आरएस राव ने कहा कि यह 200 फीट का बेली ब्रिज है जिसका निर्माण हम उत्तराखंड के चमोली में एक विकल्प के रूप में कर रहे हैं। बाधाओं के बावजूद, इसे बनाने के लिए बीआरओ दिन-रात काम कर रहा है, जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
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अबतक 38 शव बरामद, टनल में बचाव कार्य जारी
अभी तक तपोवन स्थित बड़ी टनल में बचाव कार्य जारी है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तपोवन की बड़ी टनल में से मलबे को हटाया जा रहा है। इसके 71 मीटर नीचे एक छोटी टनल है जिसमें ड्रिलिंग का काम कल किया जा रहा था। तब NTPC की तरफ से जानकारी मिली कि वहां मलबा है लेकिन वहां पैशर हाई नहीं है तो अब वहां 1 फूट तक ड्रिलिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि बड़ी टनल में हमें प्रगति मिली है। NTPC ने नाप कर बताया है कि टनल को 140 मीटर तक खोदा जा चुका है। वहीं दूसरी तरफ चमोली जिला मजिस्ट्रेट ने जानकारी दी कि चमोली में अब तक कुल 38 शव बरामद हुए हैं जिसमें 12 की पहचान हो गई है और 26 अभी भी अज्ञात हैं।
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