नई दिल्ली: आज 6 दिसंबर है। नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अयोध्या के लिए आज सबसे बड़ी परीक्षा का दिन है। 27 साल पहले आज ही के दिन अयोध्या में विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था। पुलिस ने अयोध्या समेत पूरे उत्तर प्रदेश को हाई अलर्ट पर तो रखा ही है, देश भर में आज सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नौ नवंबर को रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर जिस तरह की सुरक्षा व्यवस्था की गई थी उसी तरह की तैयारी अयोध्या में की गई है।
अयोध्या जिले को 4 जोन, 10 सेक्टर और 14 सब सेक्टर में बांटा गया है। जोन का जिम्मा एडिशनल सुपरिटेंडेंट, सेक्टर का जिम्मा डिप्टी सुपरिटेंडेंट और सब सेक्टर की जिम्मेदारी एसएचओ को सौंपी गई है। 78 सैंड बैग पोस्ट बनाए गए हैं और हथियारबंद पुलिसवालों को वहां लगाया गया है। संवेदनशील इलाकों में 269 पुलिस पिकेट तैनात की गई है। इसके अलावा 9 क्विक रिस्पांस टीम भी ड्यूटी पर हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) पीवी रामशास्त्री ने कहा, ‘‘छह दिसंबर की सुरक्षा व्यवस्था नौ नवंबर को की गई सुरक्षा व्यवस्था की निरंतरता होगी।’’ उन्होंने कहा कि उसी तरह की एहतियात बरती जा रही है जैसा कि फैसले के दिन बरती गई थी। अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आशीष तिवारी ने कहा कि 305 शरारती तत्वों की पहचान की गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।
तिवारी ने बताया कि उपद्रव रोधी टीम होटलों, धर्मशालाओं और अन्य सार्वजनिक स्थानों की तलाशी ले रही है। उन्होंने कहा कि लोगों से अपील की जाती है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की तुरंत जानकारी पुलिस को दें। एसएसपी ने बताया कि जनता से कहा गया है कि वे किसी अफवाह का शिकार नहीं बने और सौहार्द बनाए रखे।
वहीं आज के दिन को कई मुस्लिम संगठनों ने गम के दिन के तौर पर मनाने का ऐलान किया है जबकि अयोध्या पर फैसला आने के बाद हिंदू संगठनों ने आज शौर्य दिवस नहीं मनाने की घोषणा की है। इसके बावजूद भी सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। अयोध्या में श्रद्धालुओं की भी अच्छी खासी तादात है। राम जन्मभूमि के दर्शन करने वालों को चार लेयर के सुरक्षा घेरे के बाद अंदर भेजा जा रहा है।