हरिद्वार: हरिद्वार के ऋषिग्राम में बाबा रामदेव इन दिनों संन्यास की क्लास चला रहे हैं। बाबा रामदेव आने वाली रामनवमी के दिन एक साथ 90 संन्यासियों को दीक्षा देने जा रहे हैं। इन सभी संन्यासियों की शिक्षा-दीक्षा खुद बाबा रामदेव की देख-रेख में हुई है। ये सभी संन्यासी बाबा रामदेव के उत्तराधिकारी के तौर पर काम करेंगे और पतंजलि ट्रस्ट के विभिन्न कार्यों में अपने सेवाएं देंगे। दीक्षा लेने जा रहे साभी संन्यासी आधुनिक विषयों के साथ वैदिक विषयों वेद, पुराण, उपनिषद में पारंगत हैं। इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा है कि उनका लक्ष्य ऐसे एक हजार संन्यासियों को दीक्षा देने का है। दीक्षा लेने के बाद ये सारे सन्यासी देश, समाज, अध्यात्म और हिन्दू धर्म के लिए अपना कार्य एक सन्यासी के तौर पर शुरू करेंगे।
बाबा रामदेव ने इस मौके पर कहा कि उनका संकल्प 2050 तक भारत को विश्व की आध्यात्मिक शक्ति बनाने का है। बाबा रामदेव ने इस मौके पर कहा कि ये सभी सन्यासी देश के अलग अलग वर्ग, क्षेत्र, जाति से आते हैं। इनमें महिला और पुरूष दोनों हैं। इन सन्यासियों के माध्यम से पतंजलि ट्रस्ट पूरे देश में सैकड़ों वैदिक विद्यालयों का निर्माण करेगा। इन विद्यालयों में करीब 1 करोड़ बच्चों को शिक्षा देने की व्यवस्था होगी। इस विद्यालयों के बाद बाबा की योजना देश में 1 लाख छात्रों की संख्या वाला विश्वविद्यालय खोलने की है। बाबा अब आगे अपने अलग अलग क्षेत्रों में इन संन्यासियों के माध्यम से अपना कार्य आगे बढ़ाएंगे। इसके अलावा ये सन्यासी करीब 1 लाख करोड़ रुपए के चैरिटी कार्यों को भी अंजाम देंगे।
बाबा रामदेव ने इस मौके पर कहा कि उनका संकल्प 2050 तक भारत को विश्व की आध्यात्मिक शक्ति बनाने का है। बाबा रामदेव ने इस मौके पर कहा कि ये सभी सन्यासी देश के अलग अलग वर्ग, क्षेत्र, जाति से आते हैं। इनमें महिला और पुरूष दोनों हैं। इन सन्यासियों के माध्यम से पतंजलि ट्रस्ट पूरे देश में सैकड़ों वैदिक विद्यालयों का निर्माण करेगा। इन विद्यालयों में करीब 1 करोड़ बच्चों को शिक्षा देने की व्यवस्था होगी। इस विद्यालयों के बाद बाबा की योजना देश में 1 लाख छात्रों की संख्या वाला विश्वविद्यालय खोलने की है। बाबा अब आगे अपने अलग अलग क्षेत्रों में इन संन्यासियों के माध्यम से अपना कार्य आगे बढ़ाएंगे। इसके अलावा ये सन्यासी करीब 1 लाख करोड़ रुपए के चैरिटी कार्यों को भी अंजाम देंगे।