हिंडन (उत्तरप्रदेश): वायुसेना प्रमुख बी. एस. धनोआ ने सोमवार को कहा कि बल किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए ‘‘हमेशा तैयार’’ है। उन्होंने कहा कि 36 राफेल विमानों और एस-400 मिसाइल प्रणालियों से बल की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाओं के बीच एयर मार्शल धनोआ ने कहा कि वायु सीमा की सुरक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जहां बल को लगातार नजर रखने की जरूरत है क्योंकि ‘‘शांति काल में विमानों का नुकसान होना न केवल खर्चीला है बल्कि युद्ध के समय की क्षमताओं में कमी आना भी है।’’
वायुसेना के चालक दल और तकनीशियनों को यथासंभव बेहतर प्रशिक्षण देकर मानव खामियों को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वर्तमान पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के साथ ही पुराने विमानों तथा हथियार प्रणाली की चुनौतियों को पूरा किया जा सके। धनोआ ने वायुसेना दिवस पर यहां कहा, ‘‘वायुसेना ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने को हमेशा तैयार है जो हमारे देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हो। बीते वर्षों में वायुसेना की शक्ति में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है और इसने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।’’
उन्होंने कहा कि वायुसेनाकर्मियों का कर्तव्य है कि युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहें और अल्पावधि नोटिस पर किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए युद्ध प्रणाली को तैयार रखें।
उन्होंने कहा, ‘‘36 राफेल विमानों, एस-400 मिसाइल प्रणालियों, अपाचे युद्धक हेलीकॉप्टर और चिनूक मालवाहक हेलीकॉप्टर हमारी क्षमताओं में और बढ़ोतरी करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तेजस युद्धक विमानों को हथियारों के बेड़े में शामिल करना भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण कार्यक्रम का हिस्सा हैं।
भारत और रूस के बीच पिछले हफ्ते कई अरब डॉलर के एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे। राफेल जेट को खरीदने का सौदा फ्रांस के साथ 2016 में हुआ था। धनोआ ने पिछले हफ्ते 36 राफेल विमानों और एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को वायुसेना के लिए अत्यावश्यक ‘‘क्षमता संवर्द्धन’’ करार दिया था।
वायुसेना के अभ्यास ‘गगनशक्ति’ में धनोआ ने कहा कि इसने संचालन क्षमताओं और बल की तैयारियों को दर्शाया है जिसमें 14 हजार अधिकारियों और 14 हजार कर्मियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि अभ्यास के दौरान 11 हजार से अधिक बार विमानों ने उड़ानें भरीं जिसमें करीब नौ हजार से अधिक बार युद्धक विमानों ने उड़ानें भरीं।