जयपुर: गरीबों व जरूरतमंदों को सरकारी व निजी अस्पतालों में निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने के लिए महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना’ (Ayushman Bharat-Mahatma Gandhi Rajasthan Health Insurance Scheme) की शुरुआत हो चुकी है। इस योजना का लाभ राज्य के 1.10 करोड़ परिवारों को मिलेगा और लाभार्थी परिवार हर साल 5 लाख रुपए तक का इलाज निशुल्क करवा सकेगा। राजस्थान सरकारने यह योजना शरु की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर यहां इसकी औपचारिक शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को सरकारी व निजी अस्पतालों में निशुल्क उपचार के लिए राज्य सरकार ने ‘आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा’ योजना शुरू की है।
योजना में मिलने वाले यह लाभ होंगे
योजना के अंतर्गत चिन्हित सामान्य बीमारियों के लिये 50 हजार रुपए एवं गंभीर बीमारियों के लिये 4 लाख 50 हजार रुपए प्रतिवर्ष बीमा कवर उपलब्ध होगा। योजना के अंतर्गत विभिन्न बीमारियों के 1576 पैकेज शामिल किये गये है। योजना में संबद्घ निजी एवं सरकारी अस्पतालों में लाभार्थी परिवार नि:शुल्क उपचार ले सकते हैं। मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से पांच दिन पहले का तथा डिस्चार्ज के बाद पंद्रह दिनों का चिकित्सा व्यय नि:शुल्क पैकेज में शामिल हैं।
गरीब लोगों को निशुल्क गुणवत्ता युक्त इलाज उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण योजना है। इस महत्वाकांक्षी योजना पर सालाना 1800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें से 80 प्रतिशत राशि राजस्थान सरकार देगी जो कि लगभग 1400 करोड़ रुपये बनता है जबकि बाकी 400 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी। राज्य के अधिक से अधिक लोगों को फायदा दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है। राज्य के 1.10 करोड़ परिवारों को इसका फायदा मिलेगा यानी दो तिहाई जनता इसके दायरे में आ जाएगी।
यह लोग उठा सकेंगे फायदा
केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना में सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना, 2011 के आधार पर लाभार्थियों का चयन किए जाने के कारण राज्य के करीब 59 लाख परिवार ही पात्र थे लेकिन राजस्थान में विस्तृत रूप में लाई गई इस योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को भी जोड़कर कुल 1.10 करोड़ परिवारों को लाभ दिया जा रहा है। स्वास्थ्य राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और वह इस दिशा में और आगे बढ़ेगी ताकि राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं में अग्रणी बना रहे। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि यह योजना कामयाब होगी और ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा लेंगे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में लगातार नवाचार कर रहे हैं तथा आने वाले समय में इसे और मजबूत किया जाएगा।
आयुष्मान भारत महात्मा गांधी स्वास्थ्य बीमा योजना आवेदन प्रक्रिया
- आयुष्मान भारत मिशन में यह उल्लेखित किया गया है कि आवेदक जो पहले से ही SECC 2011 की सूची में रजिस्टर्ड हैं वे इस स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थी होंगे।
- लेकिन लाभार्थियों को अपनी रजिस्ट्रेशन फाइलिंग प्रोसेस को पूरा करने के लिए योजना से जुड़े अस्पताल में जाना होगा। इसके लिए यह जरुरी हैं वे अपने साथ अपना आधार कार्ड एवं भामाशाह कार्ड ले कर जायें।
- उस अस्पताल में एक विशेष आयुष्मान भारत महात्मा गांधी स्वास्थ्य बीमा काउंटर होगा।
- इस काउंटर में कुछ एजेंट होंगे, जिनकी यह जिम्मेदारी होगी कि वे लाभार्थी आवेदकों का नामांकन पूरा कराएं।
- इसके लिए आवेदक को बस इतना करना होगा कि वे अपने सभी दस्तावेजों को उस एजेंट को दे दें। इसके बाद उस एजेंट द्वारा लाभार्थी के डेटाबेस की जांच की जाएगी कि इच्छुक उम्मीदवार इस योजना के पात्र है या नहीं।
- इस जांच के बाद एजेंट ही एक ऑनलाइन फॉर्म खोलेगा और उसमें आवेदक की सभी जानकारी को भरेगा। यह जानकारी सही-सही भर देने के बाद इसे राज्य के डेटाबेस में सेव करके रख लिया जायेगा।
- फिर वह साईट एक रजिस्ट्रेशन संख्या जनरेट करेगी और यहां रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ख़त्म हो जाएगी। और एजेंट द्वारा आवेदक के नाम से एक हेल्थ कार्ड जारी किया जायेगा।
- इस हेल्थ कार्ड के माध्यम से लाभार्थी सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त मेडिकल ईलाज सुविधाएं प्राप्त कर सकता है।
- आयुष्मान भारत महात्मा गांधी स्वास्थ्य बीमा योजना गरीबों के लिया बहुत जरूरी हैं क्यूंकि इलाज में बहुत पैसा खर्च होता हैं इस कारण गरीब जनता बिना इलाज के लिये मर जाती हैं जो कि बहुत बुरी स्थिती हैं। इस योजना से लोगो को राहत मिलेगी।