प्रयागराज: अयोध्या आतंकी हमले में दोषियों की सजा का ऐलान हो गया है। मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है जबकि एक को आरोपों से बरी कर दिया गया है। मंगलवार की दोपहर प्रयागराज की नैनी जेल में गठित स्पेशल कोर्ट ने दोषियों की सजा का ऐलान किया। कोर्ट ने इरफान, मोहम्मद शकील, मोहम्मद नसीम और आसिफ इकबाल उर्फ फारुख को उम्रकैद की सजा सुनाई है जबकि मोहम्मद अजीज को सभी आरोपों से बरी कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि चार आतंवादी पूरी तरह से घटना में शामिल थे और लश्कर-ए-तैयबा ने हमले को अंजाम दिया था। सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्निहोत्री ने इलाहाबाद में संवाददाताओं को बताया कि विशेष न्यायाधीश दिनेश चंद्रा ने प्रत्येक दोषी पर 2.4 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि मामले में सभी पक्षों की बहस 11 जून को पूरी हो चुकी थी। जिसके बाद आज (मंगलवार) दोषियों की सजा का ऐलान किया गया। ये सभी दोषी प्रयागराज की नैनी सेन्ट्रल जेल ही बंद थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने एक बयान में कहा कि कि वह अदालत के फैसले का स्वागत है। एक व्यक्ति को बरी करने के फैसले पर हम कानूनी राय लेने के बाद अपील करेंगे।
ये हमला 5 जुलाई 2005 को हुआ तब हुआ था जब रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर पुख्ता सुरक्षा में था। लेकिन, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने इसे निशाना बनाया। सभी आतंकी नेपाल के रास्ते भारत में घुसे थे। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों ने एक ही घंटे के अंदर आतंकियों को ढेर कर दिया था और किसी बड़े खतरे को टाल दिया था।
आतंकी बतौर भक्त अयोध्या में घुसे, पूरे इलाके की रेकी की और टाटा सूमो में ही सफर किया. हमले से पहले आतंकियों ने राम मंदिर के दर्शन भी किए थे। गाड़ी में ही सवार होकर आतंकी रामजन्मभूमि परिसर में आए और सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए घुस गए, वहां पर ग्रेनेड फेंक हमला किया।
(इनपुट-भाषा)