नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शुक्रवार को कहा, ‘‘दिल्ली पर जब अयोध्या का वर्चस्व होगा तभी भारत का सही मायने में पुनरूद्धार होगा।’’ उन्होंने साथ ही विवादास्पद बयान देने वाले राजनीतिक नेताओं को भगवान राम की ‘‘वचन मर्यादा’’ का संदेश याद रखने की नसीहत दी। उनकी इस नसीहत को भाजपा नेता अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा सहित विभिन्न नेताओं द्वारा हाल में दिये गये कुछ विवादास्पद बयानों की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित ‘‘अयोध्या पर्व’’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए होसबोले ने कहा,, ‘‘भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे और वे वचन की मर्यादा भी रखते थे । जो चाहे, वही न बोलने लगे, सोच समझकर बोले, आज उनका यही संदेश है।’’ उन्होंने कहा कि हमें अपने सामाजिक, राजनीति जीवन में इसका (वचन मर्यादा) पालन करने की जरूरत है। यह रामजी का संदेश है।
गौरतलब है कि भाजपा नेता अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा को उनके विवादास्पद बयान को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा रहा है। इस संबंध में एक मामले पर अदालत में सुनवाई भी हो रही है। भारत के सांस्कृति एवं सामाजिक जीवन में अयोध्या के महत्व को रेखांकित करते हुए दत्तात्रेय होसबोले ने आरोप लगाया कि अतीत में दिल्ली से भारत पर दबाव बनाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली पर जब अयोध्या का वर्चस्व होगा तभी भारत का सही मायने में पुनरूद्धार होगा।’’
भगवान राम को ‘‘आराध्य देव’’ बताते हुए संघ के वरिष्ठ प्रचारक ने कहा कि अयोध्या को लम्बे समय तक शासन और न्यायपालिका के समक्ष इंतजार करना पड़ा। अब जब यह प्रतीक्षा समाप्त हो गयी है तो भव्य राम मंदिर तो बनेगा ही, हमें अपेक्षा है कि अयोध्या का पुनर्निर्माण भी होगा। होसबोले ने अयोध्या के संदर्भ में समाजवादी चिंतक राममनोहर लोहिया को उद्धृत करते हुए आरोप लगाया कि पूर्व में हिन्दू तीर्थ स्थलों का अपेक्षित विकास नहीं किया गया।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि अयोध्या कितनी प्राचीन है, इसको लेकर तरह तरह की चर्चा हुई हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने भी अयोध्या को दुनिया की सबसे प्रचीन नगरी बताया और अयोध्या के महत्व के बारे में देश दुनिया को नये सिरे बताने की आवश्यकता पर बल दिया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में तीन दिवसीय ‘‘अयोध्या पर्व’’ की शुरुआत की गई है जिसमें अयोध्या के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया गया है।