नई दिल्ली: पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब राम जन्म भूमि की आधारशिला रखेंगे तब उन्हें यूपी सरकार की ओर से भगवान कोदंड राम की डेढ़ फीट की प्रतिमा को भेंट स्वरूप दिया जाएगा। इस मूर्ति की पहली झलक आप इंडिया टीवी पर देख सकते हैं। दक्षिण भारत के ख्यात शिल्पकार एम राममूर्ति ने इस प्रतिमा को बनाया है, कोदंड राम की इस मूर्ति के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लव और कुश की एक खास मूर्ति भी भेंट स्वरूप दी जाएगी।
बेंगलुरु से 40 किलोमीटर दुर केंगेरी के अपने वर्क शॉप में शिल्पकार राममूर्ति प्रधानमंत्री को दिए जाने वाले गिफ्ट को अंतिम रूप दे रहे हैं। राममूर्ति को शिल्प कला के लिए राष्ट्रपति से पुरस्कार मिला है, उन्हें भगवान कोदंड राम की मूर्ति बनाने के लिए ही राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। इस मूर्ति से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बहुत प्रभावित हुए कि भगवान कोदंड राम की आदमकद मूर्ति को अयोध्या के शोध संस्थान में स्थापित किया गया। शिल्पकार राम मूर्ति की कलाकारी योगी आदित्यनाथ को बहुत पसंद आई है यही वजह है कि उन्होंने भगवान कोदंड राम की आदमकद मूर्ति की प्रतिकृति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट में देने का फैसला किया है।
राममूर्ति को ये ऑर्डर मिला तो वे दिन रात बेंगलुरु के पास अपने वर्कशॉप में राममूर्ति भगवान कोदंड राम और लव कुश की मूर्ति को बनाने में लग गए, ये मूर्तियां अब लगभग बनकर तैयार हैं और इन्हें फाइनल टच दिया जा रहा है। ये दोनों मूर्तियां 4 अगस्त तक अयोध्या पहुंच जाएगी और 5 अगस्त को जब प्रधानमंत्री राम जन्मभूमि की आधारशिला के कार्यक्रम में भाग लेंगे तब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ उन्हें भेंट स्वरूप कोदंड राम और लव कुश की यही मूर्ति प्रदान करेंगे।
शिल्पकार राम मूर्ति की कोदंड राम की यह प्रतिमा अद्भुत है। इसकी कल्पना के पीछे एक मिश्रित सोच है इस शिल्प कला का आधार चोल वंश की हस्तशिल्प कला है, चोल वंश की शिल्पकला के साथ-साथ दक्षिण भारत के अलग-अलग हिस्सों शिल्प कला को भी जोड़ा गया है। साथ ही कोदंड राम की मूर्ति में भगवान राम का एक पैर थोड़ा तिरछा रखा गया है क्योंकि भगवान राम के हाथ में कोदंड यानी धनुष है इसीलिए मूर्ति का ऊपरी हिस्सा वीरता से भरा हुआ दिखाया गया है जबकि मूर्ति का पेट से निचला हिस्सा भगवान राम के सौम्य रूप को दर्शाता है दक्षिण भारत की हस्तशिल्प कला को दर्शाते हुए मूर्ति में आभूषणों और वस्त्र को बड़ी सफाई से उकेरा गया है। ये तमाम चीजें भगवान कोदंड राम की मूर्ति को बहुत ही आकर्षक और अद्भुत बना देती है।
शिल्पकार राममूर्ति ने तकरीबन 14 साल पहले भगवान कोदंड राम की एकल मूर्ति बनाने का सपना देखा था अपने पूर्वजों से सीखी हस्तशिल्प कला राममूर्ति को वरदान के रूप में मिली भगवान कोदंड राम की एकल मूर्ति बनाने का उनका सपना साकार हुआ। यही वह मूर्ति है जिसके आधार पर उन्हें भारत के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला यह मूर्ति सुर्खियों में आई अयोध्या के शोध संस्थान का हिस्सा बनी और अब प्रधानमंत्री को कोदंड राम की यह मूर्ति भेंट के रूप में दी जाएगी।