खरगोन. मध्य प्रदेश में भी राम की नगरी अयोध्या की तर्ज पर खरगोन में नर्मदा नदी के तट पर राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। इसका बुधवार को शिलान्यास किया गया। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव की मौजूदगी में ग्रामीणों ने संकल्प लिया। खरगोन में नर्मदा नदी के तट पर महेश्वर जल विद्युत परियोजना प्रस्तावित थी, इसके चलते लेपा गांव के लगभग ढाई सौ परिवारों को यहां से लगभग एक दशक पहले चार किलोमीटर दूर बसाया गया था। बाद में यह परियोजना निरस्त हो गई। यहां निवासरत परिवार गांव को छोड़ गए थे मगर यहां स्थित श्रीराम का मंदिर नर्मदा जल से डूब गया था। अब पुर्नवास स्थल पर राम का मंदिर बनाने की योजना बनाई गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता भागीरथ पाटोदे ने कहा कि राम की नगरी अयोध्या में जब राम मंदिर की आधारशिला रखी जा रही थी, उसी समय इस लेपा गांव में भी राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया जा रहा था। ग्रामीणों के संकल्प के मुताबिक जनसहयोग से भगवान को गांव में विराजेंगे। इस संकल्प के मुताबिक बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव सहित गणमान्य लोगों ने भूमिपूजन किया।
उन्होंने कहा कि यह भूमिपूजन ठीक उसी समय किया गया जिस वक्त अयोध्या में बहुप्रतीक्षित रामलला के मंदिर का शिलान्यास हो रहा था। लेपा के मंदिर की डिजाइन भी अयोध्या के मंदिर की तरह ही बनवाई गई है। इसके निर्माण में करीब एक करोड़ रुपये खर्च प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि जयपुर से भगवान श्रीराम दरबार की आकर्षक मूर्तियां लाकर यहां स्थापित की जाएंगी। मंदिर का डिजिटल नक्शा तैयार किया गया है। इसका स्वरूप अयोध्या के मंदिर जैसा बनाया गया है। 50 गुणा 80 वर्गफीट का परिसर रहेगा। इसमें बगीचा, अतिथि कक्ष, शौचालय, खेल मैदान, बैठक कक्ष के अलावा नर्मदा परिक्रमा वासियों के ठहरने के लिए जगह होगी।
बताया गया है कि पुनर्वास स्थल पर मंदिर नहीं होने से रामनवमी, जन्माष्टमी आदि उत्सव मनाने ग्रामीण अब भी लेपा गांव जाते हैं एवं मंदिर से लौटते समय रास्ते में जंगली जानवरों का भय बना रहता है। इस मंदिर निर्माण के लिए जल्दी ही ट्रस्ट भी बनेगा। इस मंदिर का निर्माण आमजन के सहयोग से किया जाएगा।