Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. राम मंदिर मामले पर सुनवाई 6 महीने के लिए टली, स्वामी ने मांगा था पूजा का अधिकार मांगा

राम मंदिर मामले पर सुनवाई 6 महीने के लिए टली, स्वामी ने मांगा था पूजा का अधिकार मांगा

29 जनवरी को प्रस्तावित सुनवाई को 27 जनवरी को रद्द कर दिया था क्योंकि न्यायमूर्ति बोबडे उस दिन उपलब्ध नहीं थे लेकिन आज होने वाली सुनवाई में एक और पेंच सामने आ सकता है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 26, 2019 12:26 IST
राम मंदिर मामले में आज से शुरू होगी अहम सुनवाई, स्वामी ने पूजा का अधिकार मांगा- India TV Hindi
राम मंदिर मामले में आज से शुरू होगी अहम सुनवाई, स्वामी ने पूजा का अधिकार मांगा

नई दिल्ली: दशकों से चले आ रहे अयोध्या में विवादित जमीन पर भगवान राम का भव्य मंदिर बनेगा या फिर मस्जिद इसपर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 6 महीने के लिए टल गई है।इसका हल अब जल्द निकलने की उम्मीद एक बार फिर हवा में उछल रही थी क्योंकि आज ये तय होने की उम्मीद थी कि इस मामले की सुनवाई नियमित तौर पर होगी या नहीं। मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने की जिसमें प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल थे।

Related Stories

29 जनवरी को प्रस्तावित सुनवाई को 27 जनवरी को रद्द कर दिया था क्योंकि न्यायमूर्ति बोबडे उस दिन उपलब्ध नहीं थे। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोमवार को अदालत में एक दलील पेश की थी। अपनी दलील में उन्होंने कहा था कि उन्हें अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद स्थल पर प्रार्थना करने का मौलिक अधिकार है। अब इस दलील को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ साथ में सुनने का फैसला किया था।

स्वामी के मुताबिक संपत्ति की लड़ाई से बड़ा है मौलिक अधिकार लिहाजा कोर्ट ये आदेश दे सकता है कि विवादित स्थल पर पूजा की जाए। चूंकि संविधान पीठ में सभी सीनियर जज हैं इसलिए अब तक इतिहास यही कहता है कि अगर किसी मामले में सभी सीनियर जज शामिल होते हैं तो उस मामले की सुनवाई तेजी से होती है। हो सकता है कि आज सुप्रीम कोर्ट ये तय कर दे कि सुनवाई हफ्ते में तीन दिन होगी।

पांच जजों की संविधान पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर 14 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2.77 एकड़ ज़मीन को तीन बराबर-बराबर हिस्सों में बांट दिया था। एक हिस्सा राम लला विराजमान, एक हिस्सा निर्मोही अखाड़ा और एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया था। इस आदेश को सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा था कि कांग्रेस के कुछ वकीलों के कारण ही फैसला अब तक नहीं आ पाया है। कभी बात अनुवाद पर अटक गई, कभी कपिल सिब्बल ने कह दिया कि 2019 लोकसभा चुनाव के बाद सुनवाई हो तो कभी इस्लाम में मस्ज़िद की अनिवार्यता का सवाल उठाया गया। कुल मिलाकर मामला लटकता रहा लेकिन अब निर्णायक सुनवाई शुरू होने में कोई अड़चन नज़र नहीं आती। फिर भी इंतजार पूरे देश को है, आज नई तारीख मिलती है या फिर फाइनल सुनवाई शुरु होती है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement