लखनऊ: साल 1992 में हुए बाबरी विध्वंस के मामले में फैसला आने वाला है। विशेष CBI अदालत में सुनवाई पहले ही पूरी हो चुकी थी और अब मामले के 28 साल के बाद आज CBI की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाने वाली है। इस मुकदमे में बीजेपी के कई बड़े नेताओं के नाम है। पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती, विनय कटियार तथा कई और नेता आरोपी हैं।
28 साल चले इस मुकदमें में 351 गवाह पेश किए गए और क़रीब 600 दस्तावेज़ हुए। मामले में CBI ने कोर्ट में कुल 49 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी जिसमें से 17 की मौत हो चुकी है। इनमें शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे, विश्व हिंदु परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरी डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि, बैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास, विनोद कुमार और राजमाता सिंधिया हैं।
वहीं, इनके अलावा कुल 32 ऐसे आरोपी है, जो अब भी केस में हैं। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, महाराज स्वामी साक्षी, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर शामिल हैं।
बता दें कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद ढहा दी थी। इस आंदोलन का नेतृत्व करने वालों में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी शामिल थे। इन दोनों को भी बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी बनाया गया था। दोनों नेता विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज करा चुके हैं।