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अगस्ता वेस्टलैंड: न्यायालय ने राजीव सक्सेना से पूछा- क्या उसकी वापसी की गारंटी कोई रिश्तेदार लेगा

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय की इन आपत्तियों का संज्ञान लिया कि राजीव सक्सेना की जड़ें भारत में नहीं हैं और यदि उसे इलाज के लिये विदेश जाने की अनुमति दी गयी तो वह शायद वापस नहीं लौटेगा।

Reported by: Bhasha
Updated on: June 25, 2019 18:15 IST
agusta- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO न्यायालय ने राजीव सक्सेना से पूछा- क्या उसकी वापसी की गारंटी कोई रिश्तेदार लेगा

नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर प्रकरण से संबंधित धन शोधन मामले में वायदा माफ गवाह राजीव सक्सेना से उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पूछा कि क्या उसके स्वदेश लौटने की गारंटी लेते हुये उसके दो रिश्तेदार पांच-पांच करोड़ रुपये जमा करायेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजीव सक्सेना को इलाज के लिये विदेश जाने की अनुमति दी है और प्रवर्तन निदेशालय इसका विरोध कर रहा है।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय की इन आपत्तियों का संज्ञान लिया कि राजीव सक्सेना की जड़ें भारत में नहीं हैं और यदि उसे इलाज के लिये विदेश जाने की अनुमति दी गयी तो वह शायद वापस नहीं लौटेगा।

पीठ ने कहा, ‘‘आपकी आशंका सही या गलत हो सकती है लेकिन क्या आप (सरकार) इसे वापस लाने में असहाय हैं?’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम आपकी आशंका को समझते हैं। उनका (सक्सेना का) पासपोर्ट सीमित अवधि के लिये है। आप कुछ अन्य शर्तों का सुझाव दे सकते हैं , जिन्हें लगाया जा सकता है।’’

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘‘कोई भी देश यह नहीं कहेगा कि वह शक्तिहीन है।’’ 

न्यायालय ने सक्सेना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा से कहा कि वह बुधवार तक उसे अवगत करायें कि क्या सक्सेना की बहन और एक अन्य रिश्तेदार उसके वापस लौटने और मुकदमे का सामना करने के लिये गारंटी के रूप में पांच-पांच करोड़ रुपये जमा कराने के लिये तैयार हैं। 
इससे पहले, मेहता ने सक्सेना को इलाज के लिये विदेश जाने की अनुमति देने के निचली अदालत और उच्च न्यायालय के आदेशों की आलोचना की और कहा, ‘‘भारत में उसकी जड़ें नहीं हैं। उसका भारत में कोई रिश्तेदार या संपत्ति नहीं है और हो सकता है कि वह लौट कर नहीं आये।’’

उन्होंने कहा कि सक्सेना की बीमारियों का इलाज भारत में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि वायदा माफ गवाह अपराध में सिर्फ अपनी ही भूमिका की जानकारी नहीं दे रहा है बल्कि भ्रष्टाचार के मामले में दूसरों की भूमिका का भी खुलासा कर रहा है। 
पीठ अब इस मामले में बुधवार को आगे सुनवाई करेगी।

उचच न्यायालय ने 10 जून को राजीव सक्सेना को इलाज के लिये 25 जून से 24 जुलाई के दौरान रक्त कैंसर और दूसरी बीमारियों के इलाज के लिये संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और यूरोप जाने की अनुमति प्रदान की थी। उच्च न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लिया था कि राजीव सक्सेना के सरकारी गवाह बनने से पहले ही उसे जमानत मिल गयी थी। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय ने भी उसे यह राहत देने पर आपत्ति नहीं की थी। इससे पहले निचली अदालत ने सक्सेना को छह जून से पांच जुलाई तक विदेश जाने की अनुमति दी थी। 

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