नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘नल से जल’ को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को एक बड़ा ही भावुक वीडियो अपने ट्वीटर हैंडल (@gssjodhpur) से शेयर किया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक महिला का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि 'असम की यह बहन अपने घर में ‘नल से जल’ का स्वागत सिर झुकाकर ईश्वर का धन्यवाद देते हुए कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदीजी द्वारा संकल्पित जल जीवन मिशन स्वतंत्रता के वर्षों बाद तक जल जैसी मूलभूत आवश्यकता की कमी झेल रहे लोगों के जीवन को कैसे परिवर्तित कर रहा है यह इस वीडियो से स्पष्ट है।'
जानिए कहां पहुंची हर घर नल योजना
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को देश के हर घर में पाइप के जरिए पानी मुहैया कराने के लिए एक मिशन का एलान किया था। इसका नाम जल जीवन मिशन है। जल जीवन मिशन 3.60 लाख करोड़ रुपये की योजना है। बजट 2020 में जल जीवन मिशन के लिए 11,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन बाद में यह बजट बढ़ गया। जल शक्ति मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में, जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 23,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
जल जीवन मिशन के हिस्से
इसके तहत जल संचय, सिंचाई के लिए जल, समुद्री पानी का इस्तेमाल, वेस्ट वाटर का इस्तेमाल, कम पानी में खेती आदि शामिल हैं। स्थानीय जल स्रोतों को बढ़ाने, वर्तमान स्रोतों को पुन: जल से परिपूर्ण करने जैसी प्रोत्साहन गतिविधियां शामिल हैं। मिशन के तहत ग्रामीणों को चिनाई, प्लंबिंग, बिजली के पहलुओं, मोटर-मरम्मत, आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है ताकि ग्रामीण स्तर पर मानव संसाधन को प्रशिक्षित किया जा सके।
इन संगठनों के साथ हो रही साझेदारी
जल जीवन मिशन के तहत संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों/सीबीओ, सीएसआर संगठनों, ट्रस्टों, प्रतिष्ठानों आदि सहित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझेदारी कायम की जा रही है। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 2024 से पहले मिशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता दर्शायी है। डिसेंट्रलाइज्ड प्रोग्राम होने के नाते, ग्राम पंचायत की उप-समिति के रूप में ग्रामीण स्तर पर न्यूनतम 50 फीसदी महिला सदस्यों के साथ ग्राम जल और स्वच्छता समितियां (वीडब्ल्यूएससी)/पानी समिति बनाई जा रही है। ये जल-स्रोतों के विकास, आपूर्ति, ग्रे-वाटर प्रबंधन, संचालन और रखरखाव पर विचार करते हुए 5 वर्षीय ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार करने के लिए जिम्मेदार हैं।