गुवाहाटी: असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के दूसरे एवं अंतिम मसौदे को पेश कर दिया गया है। एनआरसी ने असम में नागरिकता की अंतिम लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट के मुताबिक असम में रह रहे 40 लाख लोग भारत के नागरिक नहीं है। लिस्ट में 2 करोड़ 89 लाख लोगों को भारत की नागरिकता मिली है। बता दें कि, असम की कुल जनसंख्या 3 कोरड़ 29 लाख है। वहीं, गह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बारे में बयान देते हुए कहा है कि यह सिर्फ एक ड्राफ्ट है अंतिम सूची नहीं। उन्होंने कहा कि इसके नाम पर लोगों को न डराया जाए। (छह मंजिला इमारत गिरने के बाद, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 74 बिल्डरों के खिलाफ मामला दर्ज किया )
भारतीय महापंजीयक शैलेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह भारत और असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। इतने बड़े पैमाने पर कभी ऐसा नहीं हुआ। सीधे उच्चतम न्यायालय की निगारानी में की गई यह एक कानूनी प्रक्रिया है।’’ उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता, निष्पक्षता और तर्कपूर्ण तरीके से की गई। एनआरसी 25 मार्च 1971 से पहले से असम में निवास करने वाले सभी भारतीय नागरिकों के नाम इस सूची में शामिल करेगी।
अंतिम मसौदे में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए उनपर शैलेश ने कहा, ‘‘मसौदे के संबंध में दावा करने और आपत्ति करने की प्रक्रिया 30 अगस्त से शुरू होगी और 28 सितंबर तक चलेगी। लोगों को आपत्ति जताने की पूर्ण एवं पर्याप्त गुंजाइश दी जाएगी। किसी भी वास्तविक भारतीय नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि एनआरसी की आवेदन प्रक्रिया मई 2015 में शुरू हुई थी और अभी तक पूरे असम से 68.27 लाख परिवारों के द्वारा कुल 6.5 करोड़ दस्तावेज प्राप्त किए गए हैं।