Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. असम एनआरसी: दावे और आपत्ति 31 दिसंबर तक दाखिल किए जा सकेंगे, सुप्रीम कोर्ट ने मियाद बढ़ाई

असम एनआरसी: दावे और आपत्ति 31 दिसंबर तक दाखिल किए जा सकेंगे, सुप्रीम कोर्ट ने मियाद बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने असम के लिये राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के मसौदे में नाम शामिल कराने के बारे में दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि बुधवार को 31 दिसंबर तक बढ़ा दी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : December 12, 2018 19:02 IST
Supreme Court
Supreme Court

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने असम के लिये राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के मसौदे में नाम शामिल कराने के बारे में दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि बुधवार को 31 दिसंबर तक बढ़ा दी। राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) का मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया था जिसमे 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम ही शामिल किये गये थे। इस सूची में 40,70,707 लोगों के नाम नहीं थे। इनमें से 37,59,630 नाम अस्वीकार कर दिये गये थे जबकि 2,48,077 नाम रोक लिये गये थे। 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस आर एफ नरिमन की विशेष पीठ ने एनआरसी के मसौदे पर दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि 15 दिसंबर से अगले साल 15 जनवरी तक बढ़ाने के असम सरकार के अनुरोध पर विचार किया। असम सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सूची में शामिल नहीं किये गये 40.70 लाख लोगों में से अभी तक 14.28 लाख व्यक्तियों ने ही नागरिक पंजी में नाम शामिल करने के लिये प्राधिकारियों के यहां दावे और आपत्तियां दाखिल की हैं। 

उन्होने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में ऐसे आवेदन करने वालों की संख्या बढ़ी है, इसलिए इसके लिये समय सीमा एक महीने और बढ़ा दी जाये। पीठ ने कहा कि वह यह समय सीमा 15 दिन के लिये और बढ़ायेगी। अब सूची में शामिल नहीं किये गये लोग 31 दिसंबर तक अपने दावे और आपत्तियां दाखिल कर सकते हैं। 

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि नागरिक पंजी में नाम शामिल करने के दावों और आपत्तियों की छानबीन की अंतिम तिथि एक फरवरी की बजाय 15 फरवरी, 2019 होगी। पीठ ने नागरिक पंजी के मसौदे की प्रतियां आम जनता के निरीक्षण के लिये जिला कलेक्टर, उपमंडल, सर्किल, ग्राम पंचायत कार्यालयों में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया ताकि लोग नागरिक पंजी में नाम जोड़ने या इसमे शामिल गलत नाम के बारे में आपत्ति दायर कर सकें। 

पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के इस कथन पर भी गौर किया कि नागरिक पंजी प्राधिकारी 31 अगस्त, 2015 से प्रभावी कानूनी रूप से वैध दस्तावेजों को नाम शामिल करने के दावों की छानबीन के लिये नहीं मान रहे हैं। पीठ ने कहा कि हम राष्ट्रीय नागरिक पंजी प्राधिकारियों को निर्देश देते हैं कि वे ये दस्तावेज जारी करने की तारीख की बजाये ऐसे दस्तावेजों को स्वीकार करें जो कानूनी रूप से वैध हैं और स्वीकार्य हैं। इससे पहले, न्यायालय ने नागरिक पंजी के मसौदे में नाम शामिल करने के दावे के लिये पांच और दस्तावेजों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement