Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. एनआरसी ड्राफ्ट के आधार पर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती : सुप्रीम कोर्ट

एनआरसी ड्राफ्ट के आधार पर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती : सुप्रीम कोर्ट

एनआरसी मसौदे के आने के बाद हो रही उथल-पुथल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सोमवार को प्रकाशित सूची के आधार पर किसी भी प्राधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की दंडात्मक-प्रतिरोधक कार्रवाई नहीं की जा सकती।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 31, 2018 19:36 IST
supreme court- India TV Hindi
supreme court

नई दिल्ली: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मसौदे के आने के बाद हो रही उथल-पुथल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सोमवार को प्रकाशित सूची के आधार पर किसी भी प्राधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की दंडात्मक-प्रतिरोधक कार्रवाई नहीं की जा सकती। महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल द्वारा मामले की गंभीरता का उल्लेख करने के बाद जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन की खंडपीठ ने कहा, "जो प्रकाशित हुआ है वह संपूर्ण एनआरसी मसौदा है। यह किसी भी प्राधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई का आधार नहीं बन सकता।"

इससे पहले, असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के समन्यवक प्रतीक हजेला ने कोर्ट के समक्ष अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश की जिसमें एनआरसी के कल प्रकाशन के बारे में विस्तृत विवरण था। इस पर पीठ ने जानना चाहा कि अब अगली कार्रवाई क्या होगी। हजेला ने कहा कि इस मसौदे में नाम शामिल करने और हटाने के बारे में अब दावे और आपत्तियां 30 अगस्त से 28 सितंबर के दौरान दायर की जा सकती हैं। 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसौदा सात अक्तूबर तक जनता के लिये उपलब्ध रहेगा ताकि वे देख सकें कि इसमे उनके नाम हैं या नहीं। केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया के निष्पादन में संबंधित मंत्रालय मानक संचालन प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करने के लिये तैयार है। 

उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि उसे यह निर्देश देना चाहिए कि सभी को समान अवसर प्रदान किये बगैर कोई भी दण्डात्मक कार्रवाई नहीं की जाये। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का दूसरा और अंतिम मसौदा कल प्रकाशित हुआ था जिसमें असम में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ नाम शामिल हैं। करीब 40.07 लाख आवेदकों के नाम सूची में नहीं थे। 

शीर्ष अदालत के निर्देश पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का पहला मसौदा 31 दिसंबर 2017 और एक जनवरी, 2018 की दरम्यानी रात में प्रकाशित हुआ था। इस मसौदे में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ नाम शामिल किये गये थे। असम राज्य 20वीं सदी के प्रारंभ से ही बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा है और यह अकेला राज्य है जिसके पास राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर है। पहली बार इस रजिस्टर का प्रकाशन 1951 में हुआ था। शीर्ष अदालत ने इससे पहले कहा था कि 31 दिसंबर को प्रकाशित असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के मसौदे में जिन लोगों के नाम नहीं हैं, उनके दावों की जांच पड़ताल बाद वाली सूची में की जायेगी और यदि वे सही पाये गये तो उन्हें इसमें शामिल किया जायेगा। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement