नई दिल्ली. असम की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने मदरसों को बंद करने के फैसले के बाद अब मदरसा बोर्ड को भी भंग करने का फैसला किया है। राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हम मदरसा बोर्ड को भंग कर देंगे। हम मदरसा शिक्षा और सामान्य शिक्षा के समकक्ष अधिसूचना को वापस लेंगे। हम सभी राज्य संचालित मदरसों को सामान्य स्कूलों में बदल देंगे।"
हालांकि प्राइवेट मदरसों को बंद करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार का Pvt मदरसों को बंद करने का कोई इरादा नहीं है। हम रेगुलेशन ला रहे हैं, छात्रों को ये बताना जरूरी है कि वो मदरसे में क्यों जा रहे हैं। उन्हें पाठ्यक्रम में विज्ञान-गणित का परिचय देना होगा। उनका राज्य के साथ पंजीकरण करना होगा, संवैधानिक जनादेश का सम्मान करना होगा लेकिन मदरसे के चरित्र को बनाए रखा जा सकता है।
मीडिया के अन्य सवालों के जवाब में उन्होंने बताया कि असम में हॉस्टल 1 दिसंबर से खुलेंगे जबकि स्कूल 1 नवंबर से खुलेंगे। हमने कक्षाओं के सेक्शन और दिनों को इस तरह से विभाजित किया है कि स्कूलों में भीड़भाड़ न हो। स्कलों में दो शिफ्टें होंगी, पहली सुबह साढ़े आठ से दोपहर साढ़े बारह और दूसरी शिफ्ट का समय है दोपहर डेढ़ से शाम साढ़े चार बजे तक। छात्रों को सिर्फ तीन दिन तक स्कूलों में आने की अनुमति होगी।
उन्होंने आगे कहा कि हमने एक विकल्प यह भी दिया है कि अगर कुछ अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते या स्कूल अधिकारी स्कूल नहीं खोलना चाहते हैं और ऑनलाइन कक्षाओं को चलाना चाहते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं। हम इस वर्ष अनिवार्य उपस्थिति पर जोर नहीं देंगे, क्योंकि यह स्वैच्छिक भागीदारी है