नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड (पीएमएनआरएफ) के तहत अमस में बाढ़ से मरने वाले शख्स के परिवार को 2 लाख रुपयों की मदद का ऐलान किया है। ये जानकारी खुद पीएम मोदी ने ट्विट कर दी है। साथ ही पीएम मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से राज्य में बाढ़ की स्थिति पर बात की और केंद्र से यथासंभव सहायता का आश्वासन दिया।
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से राज्य में बाढ़ की स्थिति पर बात की और केंद्र से यथासंभव सहायता का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैंने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल जी से बात करके राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव मदद देने का भरोसा दिया।'
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गृह मंत्री ने अधिकारियों को बाढ़ से होने वाले जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए एक सुव्यवस्थित योजना विकसित करने का निर्देश दिया। इस बैठक में शाह ने बाढ़ के पूर्वानुमान और देश के कई इलाकों में जल स्तर में बढ़ोतरी के लिए स्थायी व्यवस्था के लिए कोआर्डिनेशन पर जोर दिया। इस उच्च स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सीएम सर्वानंद सोनोवाल ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री ने बाढ़ और कोविड-19 की स्थिति के बारे में जानकारी ली और केंद्र से यथासंभव सहायता का आश्वासन दिया। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि असम के 163 राहत शिविरों में 12,597 लोग रह रहे हैं। 22 प्रभावित जिलों में धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, दर्रांग, नलबाड़ी, बारपेटा शामिल हैं। यही नहीं मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने डिब्रूगढ़ में अगले चार दिनों के लिए आमतौर पर बारिश या गरज के साथ कुछ स्थानों पर बादल छाए रहने की भविष्यवाणी की है। यही नहीं बिहार में भी बारिश के साथ बाढ़ का खतरा लगातार बना हुआ है।
बता दें कि, असम में आई बाढ़ से 33 में से 22 जिले प्रभावित हुए हैं जिससे 16 लाख से अधिक लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लगभग 34 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ के कारण राज्य के विभिन्न भागों में अवसंरचनात्मक ढांचा क्षतिग्रस्त हुआ है। सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिलों में धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, दर्रांग, नलबाड़ी, बारपेटा शामिल हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने भी अगले चार दिनों में तेज बारिश की चेतावनी दी है।