डिब्रूगढ़/ईटानगर: असम और अरुणाचल प्रदेश ने शांतिपूर्ण संबंध सुनिश्चित करने के लिए सीमा पर यथास्थिति बनाए रखने के साथ अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए अंतर-राज्यीय सीमा पर संयुक्त गश्त करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। असम और कुछ अन्य राज्यों के बीच सीमा को लेकर बढ़ते तनाव के बीच शुक्रवार को असम के डिब्रूगढ़ जिले और अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के नागरिक और पुलिस प्रशासन तथा वन विभाग के अधिकारियों के बीच अंतर-राज्यीय सीमावर्ती जिलों को लेकर समन्वय बैठक हुई।
बैठक में डिब्रूगढ़ के उपायुक्त पल्लव गोपाल झा और तिरप के उनके समकक्ष तारो मिजे ने भाग लिया। इस बैठक में दोनों जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में दोनों राज्यों के लोगों के बीच यथास्थिति और सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने का निर्णय किया गया। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को तिरप के देवमाली अनुमंडल में दिन भर चली बैठक में सीमावर्ती क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे सड़क संपर्क में सुधार और लकड़ी, खनन तथा शराब के अवैध कारोबार पर चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय किया गया कि अवैध व्यापार की गतिविधियों से निपटने के लिए असम पुलिस और अरुणाचल प्रदेश पुलिस के साथ-साथ दोनों राज्यों के वन विभाग के कर्मियों द्वारा संयुक्त गश्त की जाएगी। बेहतर अंतर-राज्यीय संपर्क के लिए तिरप के उपायुक्त के अनुरोध पर झा ने उन्हें वाहनों और लोगों की सुगम आवाजाही के लिए डिब्रूगढ़ के जॉयपुर से तिरप में हुकनजुरी तक सड़क की मरम्मत का काम शुरू करने का आश्वासन दिया।
दोनों उपायुक्तों ने अंतर-राज्यीय सीमा पर शांतिपूर्ण संबंध सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर इसी तरह की सद्भावना बैठकें आयोजित करने का भी निर्णय किया। सूत्रों ने बताया कि डिब्रूगढ़ प्रशासन के प्रस्ताव के तहत आयोजित बैठक में डिब्रूगढ़ के पुलिस अधीक्षक श्वेतांक मिश्रा, तिरप के उनके समकक्ष कार्दक रीबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। असम और अरुणाचल प्रदेश 804.1 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।
इस बीच, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की अरुणाचल प्रदेश इकाई ने राज्य सरकार से जटिल सीमा विवाद मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की है। एनपीपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मुत्चू मीठी ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार को बैठक में सीमा विवाद के संबंध में सभी पक्षों की बात सुननी चाहिए।