नयी दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर राज्य से जुड़े विभिन्न वित्तीय मामलों एवं किसानों के मुद्दों पर चर्चा की और केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा महीने की पहली तारीख को देने का आग्रह किया। गहलोत ने नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक में शामिल होने से पहले सीतारमण से मुलाकात की।
इस मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा, ''आज दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर प्रदेश के विभिन्न वित्तीय मामलों पर चर्चा की। विभिन्न पेयजल परियोजनाओं के वित्तीय प्रस्तावों को अनुमति देने तथा राज्यहित में केंद्रीय योजनाओं की राशि समय पर जारी करने का आग्रह किया।"
उन्होंने कहा, ''केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा पहले की तरह हर माह की पहली तारीख को दिया जाए। केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में इस व्यवस्था को बदल दिया है, इससे राज्यों को वित्तीय व्यवस्था में परेशानी आ रही है। राज्य को महीने के पहले दिवस पर वेतन एवं पेंशन का भुगतान करना होता है, लेकिन राज्य के हिस्सा मिलने में देरी के कारण वेतन एवं पेंशन के समय पर भुगतान में कठिनाई होती है।''
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने वित्त मंत्री से करीब 5473 करोड़ रुपए की लागत की सात पेयजल परियोजनाओं के वित्तीय प्रस्तावों को शीघ्र अनुमति प्रदान किए जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ''वित्त मंत्री से राज्य में किसानों को वित्तीय संकट से उबारने के लिए की गई कर्ज माफी योजना के लिए केंद्र से अपेक्षित सहयोग मांगा है।
राजस्थान सरकार ने सहकारी बैंकों के करीब 24 लाख किसानों के फसली ऋण माफ किए हैं, जिनसे राज्य सरकार पर 15 हजार 679 करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीय भार आया है।'' गहलोत ने कहा, '' राज्य में विकास योजनाएं समय पर पूरी हों और उनके लिए धन की कमी नहीं हो, इसके लिए राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3 प्रतिशत के स्थान पर 4 प्रतिशत तक शुद्ध ऋण लेने की अनुमति प्रदान की जाए।''