ASEAN देशों की चाहत: भारत-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा बड़ी भूमिका निभाए भारत
ASEAN leaders want India to be more pro-active in Indo-Pacific
नयी दिल्ली: दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) के सभी 10 नेताओं ने भारत को अपनी इस इच्छा से अवगत कराया है कि वह रणनीतिक तौर पर अहम भारत-प्रशांत क्षेत्र में ज्यादा मुखर भूमिका निभाए। उन्होंने क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने में देश के बढ़ते कद को भी माना।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी) प्रीति सरन से एक संवाददाता सम्मेलन में जब पूछा गया कि क्या आसियान देशों के नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत के लिए ज्यादा मुखर भूमिका की वकालत की तो इस पर उन्होंने कहा, ‘‘हां’’। गौरतलब है कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्षेत्र में चीन के विस्तार के मद्देनजर आसियान देशों के नेता चाहते हैं कि भारत-प्रशांत में भारत ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाए, इस पर सरन ने कहा कि भारत-आसियान संबंध अपने दम पर टिके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सभी नेताओं ने (भारत-प्रशांत क्षेत्र में) भारत की बड़ी भागीदारी की अपनी इच्छा से अवगत कराया।’’
भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की ओर से बड़ी भूमिका निभाने की आसियान देशों की इच्छा अहमियत रखती है, क्योंकि दक्षिण चीन सागर विवाद के मुद्दे पर चीन और आसियान के कई सदस्य देशों के बीच तनाव बढ़ रहे हैं। आसियान के सभी 10 सदस्य देशों के नेता यहां भारत-आसियान संबंधों के 25 साल पूरे होने और भारत के 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आए थे।
भारत-प्रशांत शब्द का जिक्र हिंद महासागर एवं प्रशांत महासागर के क्षेत्रों के लिए किया जाता है जिसमें विवादित दक्षिण चीन सागर भी शामिल है, जहां वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन और ब्रूनेई लगभग समूचे जलमार्ग पर चीन के दावों पर सवाल उठाते रहे हैं। अमेरिका भारत-प्रशांत जैसे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच व्यापक सहयोग की वकालत करता रहा है। थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस और ब्रूनेई आसियान के 10 सदस्य देश हैं। सरन ने कहा कि आसियान के सभी नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सकारात्मक भूमिका की सराहना की।