नई दिल्ली: जोधपुर कोर्ट आज यौन शोषण केस में जेल में बंद आसाराम को दोषी करार दिया है। आसाराम पर एक नाबालिग लड़की से रेप का मामला चल रहा है। आसाराम की वेबसाइट के अनुसार दुनिया भर में उसके चार करोड़ अनुयायी हैं। उन्होंने बेटे नारायण साईं के साथ भारत ही नहीं विदेश में 400 आश्रमों का नेटवर्क बनाया। बताया जाता है कि उसकी संपत्ति 10 हज़ार करोड़ रुपए की है। इसकी जांच फ़िलहाल प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। इस जांच में आश्रम निर्माण के लिए गलत तरीके से जमीन हड़पने के मामले भी शामिल हैं।
आयकर विभाग की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आसाराम बापू के पास करीब 2, 300 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति है। विभाग ने आशाराम द्वारा कंट्रोल किए जाने वाले ट्रस्टों को दी गई टैक्स में छूट कैंसिल करने की सिफारिश की है। IT ने आसाराम और उनके सहयोगियों से जुड़ी कई बेनामी संपत्तियों का भी पर्दाफाश किया है। सूत्रों के मुताबिक, आसाराम ने रियल एस्टेट, म्युचुअल फंड्स, किसान विकास पत्र और फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर हजारों करोड़ रुपए अर्जित किए हैं।
इनमें से ज्यादातर निवेश कोलकाता की 7 सात निजी कंपनियों के जरिए किया गया है, जिन्हें आसाराम ने अधिग्रहीत किया और उनके अनुयायियों ने चलाया। इनकम टैक्स विभाग के इनवेस्टिगेशन विंग द्वारा तैयार की गई एक अप्रेजल रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि आसाराम ने अपने अनुयायियों के जरिए कर्ज देने वाली योजना भी चलाई थी, जिसके तहत व्यक्ति या संस्था को 1-2 प्रतिशत मासिक ब्याज पर नकद कर्ज उपलब्ध कराया जाता था।
आसाराम की पैठ राजनेताओं के यहां तक है। राजनेताओं ने भी उसका इस्तेमाल किया और एक बड़े वोटर समूह में पैठ बनाई। 1990 से लेकर 2000 तक उनके भक्तों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी तक शामिल हो चुके थे। इस सूची में दिग्विजय सिंह, कमल नाथ, मोतीलाल वोरा जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भी आते हैं। भाजपा के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री तक आसाराम के 'दर्शन' के लिए पहुंचते रहे हैं। इसमें शिवराज सिंह चौहान, उमा भारती, रमन सिंह, प्रेम कुमार धूमल और वसुंधरा राजे के नाम शामिल हैं।