नई दिल्ली: क्या आसाराम अपने भक्तों को जेल से ही प्रवचन देता है? सवाल हैरान करने वाला है क्योंकि आसाराम नाबालिग से रेप केस में उम्रकैद की सज़ा काट रहा है तो भक्तों को प्रवचन कैसे दे सकता है। ये सवाल उठा है आसाराम के एक ऑडियो टेप के बाद जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि आसाराम उम्रकैद की सज़ा पाने के बाद अपने भक्तों को जेल में बैठकर ही प्रवचन दे रहा है। इस ऑडियो में आसाराम ना सिर्फ़ भक्तों को उपदेश दे रहा है बल्कि दावा कर रहा है कि वो जल्द ही जेल से बाहर आ जाएगा।
ऑडियो को सुनकर साफ लग रहा है कि आसाराम जेल से भक्तों के लिए उपदेश जारी कर रहा है। वो बता रहा है कि कैसे सज़ा के बाद शांत रहकर भक्तों ने अच्छा काम किया। इंडिया टीवी के पास आसाराम के ऐसे एक नहीं, दो नहीं बल्कि पांच ऑडियो टेप हैं जिसमें आसाराम एक क़ैदी नहीं बल्कि एक संत की तरह प्रवचन दे रहा है। ऑडियो हैरान करने वाला है क्योंकि दावा है कि आसाराम का ये ऑडियो उम्रकैद की सज़ा पाने के बाद का है।
इंडिया टीवी के पास आसाराम का जो चौंकाने वाला ऑडियो टेप है उसमें आसाराम ना सिर्फ़ ख़ुद बाहर निकलने की प्लानिंग कर रहा है बल्कि पहले वो अपने राज़दार शिल्पी और शरद को जेल से आज़ाद कराने को बोल रहा है। बता दें कि इन ऑडियो टेप्स में आसाराम जिस शिल्पी का ज़िक्र कर रहा है वो छिंदवाड़ा आश्रम की वॉर्डन थी जबकि शरद हॉस्टल का संचालक। दोनों ही आसाराम के कुकर्मों में बराबर के भागीदार रहे, जिन्हें नाबालिग से रेप केस में दोषी करार देते हुए 20-20 साल की सज़ा सुनाई गई है।
शिल्पी और शरदचंद्र के लिए आसाराम की बेकरारी समझी जा सकती है। शिल्पी लंबे समय से उसकी राजदार रही है और शरदचंद्र भी उसके गुनाहों में बराबर का भागीदार है। इस ऑडियो टेप में आसाराम बार-बार अपने भक्तों को इस बात का भरोसा दे रहा है कि उसके लिए शिष्य पहले हैं और यहां तक कि बेटा नारायण और बेटी भारती का नंबर भी बाद में आता है। अदालत ने आसाराम को जिंदगी की आखिरी सांस तक उम्रकैद की सजा दी है लेकिन जेल के अंदर से प्रवचन के जरिये आसाराम अपने भक्तों दिलासा दे रहा है कि वो एक दिन बाहर जरूर आएगा।
ऑडियो में आसाराम बिल्कुल उसी अंदाज़ में बोल रहा है जैसे वो अपने भक्तों को उपदेश देता था। इस ऑडियो में आसाराम अपने भक्तों का भी ज़िक्र कर रहा है साथ ही उन्हें शुक्रिया भी कह रहा है जो उसकी सज़ा के बाद भी शांत रहे। इस ऑडियो में आसाराम को ये भी कहते सुना जा सकता है कि कुछ लोग ऐसे हैं जो उसके ख़िलाफ़ साज़िश रच कर आश्रम के संचालक बनना चाहते हैं। आसाराम अपने भक्तों को ऐसे लोगों से भी बचने की है।
जेल के नियमों के मुताबिक़ कैदी अपने किसी परिचित से फोन पर बात तो कर सकते हैं लेकिन उसे लोगों को संबोधित करने की इजाज़त नहीं होती जबकि इस ऑडियो को सुनकर साफ लग रहा है कि जिस वक़्त आसाराम फोन पर ये प्रवचन दे रहा था उस वक़्त उसके आसपास और भी लोग मौजूद थे। इस ऑडियो टेप के वायरल होने के बाद सवाल सीधे जोधपुर जेल प्रशासन पर उठने लगे हैं।