देश के प्रमुख निजी बैंक यस बैंक में पिछले कुछ दिनों से जारी संकट के बाद कल रिजर्व बैंक ने मोरेटोरियम लगा दिया है। बैंक के ग्राहकों के लिए मासिक निकासी सीमा 50000 रुपए तय कर दी गई है। इससे बैंक के ग्राहकों में हड़कंप है। इस बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने देश के बैंकिंग सिस्टम पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या बैंकों में रखी हमारी बचत सुरक्षित है।
ओवैसी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि पहले आईएलएफएस और दीवान जैसे नॉन बैंकिंग संस्थानों में सकट आया। ये संस्थान टूटती अर्थव्यवस्था के शिकार हुए। इसके बाद महाराष्ट्र जैसे धनी राज्य में बड़े कोओपरेटिव बैंक में समस्या आई। पीएमसी बैंक फेल हुआ और अब पहली बार शेड्यूल कॉमर्शियल बैंक यह बैंक फेल हुआ है। क्या हमारी बचत बैंकों में सुरक्षित है?
बता दें भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक से ग्राहकों के पैसे निकासी की सीमा तय कर दी है। रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर कई पाबंदियां लगा दी हैं। जिसके मुताबिक तय अवधि तक यस बैंक बिना रिजर्व बैंक की आज्ञा के किसी भी जमाकर्ता को 50 हजार रुपये से ज्यादा की रकम नहीं दे सकता। यानि यस बैंक के ग्राहक दी गई अवधि के दौरान 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे।